
बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का सिस्टम सक्रिय
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
सक्रिय मानसून की दस्तक प्रदेश में हो चुकी है। शुक्रवार को इसका असर शाम के समय शहर में भी दिखाई दिया है। रिमझिम बारिश ने गर्मी से राहत का एहसास कराया है लेकिन प्रभावी रूप से झमाझम बारिश के लिए कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है।
शुक्रवार दोपहर बाद शहर में काले बादल दिखाई दे रहे थे। शाम को मौसम पूरी तरह से बदल चुका था। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो झमाझम मानसून के दशक की पहली बारिश होने वाली है। शाम ढलने से पहले हल्की बारिश हुई और ठंडी हवा से गर्मी का असर कम हो गया। उसके बाद देर रात रिमझिम बारिश का क्रम शुरू हो गया। लोगों को उम्मीद थी कि रात भर तेज बारिश हो सकती है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सुबह जीवाजीराव वेधशाला पर 2 मिलीमीटर बारिश का आंकड़ा दर्ज किया गया। रात को हुई बारिश के बाद न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। वेधशाला अधीक्षक राजेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का सिस्टम प्रदेश में मानसून केे रूप में पहुंच चुका है। एक-दो दिन में पूरे प्रदेश में सक्रिय होने की संभावना है उसके बाद ही शहर में प्रभावी रूप से झमाझम बारिश होगी। इस बार अच्छी बारिश की संभावना है जिसके लिए कुछ दिन का इंतजार करना पड़ सकता है।
21 जून को शून्य होगी परछाई
पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर परिभ्रमण के कारण सूर्य 21-22 जून को उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लम्बवत होता है। कर्क रेखा की स्थिति लगभग 23 डिग्री 26 मिनट उत्तरी अक्षाश पर है। 21 जून को सूर्य की क्रान्ति 23 डिग्री 26 मिनट 15 सेकण्ड उत्तर होगी। इस वर्ष यह सूर्य की चरम स्थिति है। उज्जैन कर्क रेखा के नजदीक स्थित है। अत: 21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर सूर्य की किरणे लम्बवत् होने के कारण परछाई शून्य हो जायेगी। वेधशाला में इस खगोलीय घटना को शकु यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। 21 जून को इस खगोलीय घटना के चलते दिन सबसे बड़ा 13 घंटे 34 मिनट का रहेगा और रात सबसे छोटी 10 घंटे 26 मिनट की होगी। 21 जून के बाद दिन छोटे होने लगेंगे और 23 सितंबर को दिन रात बराबर होंगे। कोरोना गाइडलाइन के चलते इस बार वेधशाला पर खगोलीय घटना को देखने की व्यवस्था नहीं की गई है।