माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
कोविड-19 के चलते वर्ष 2020 -21 का नवीन शिक्षा सत्र शुरू नहीं हो सका है। मार्च माह बाद से ही प्रदेश सरकार ने स्कूलों को बंद कर रखा है। बावजूद इसके स्कूल प्रबंधकों द्वारा फीस को लेकर अभिभावकों और विद्यार्थियों को फोन काल के साथ मैसेज भेजे जा रहे हैं। अभिभावक बच्चों के स्कूल नहीं जाने और फीस वसूलने को लेकर आक्रोशित नजर आ रहे हैं। लगातार स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ प्रदर्शन जारी है।
1 जून को लॉकडाउन खुलने के बाद से ही निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लास और फीस वसूली का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। जिसको लेकर अभिभावकों में आक्रोश नजर आ रहा है। आज क्रिस्ट ज्योति स्कूल पहुंच कर अभिभावकों ने एक बार फिर प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि जब स्कूल नहीं खुले तो फीस किस बात की जमा कराई जाए। ऑनलाइन क्लास में भी शामिल नहीं हो पाए हैं वहीं ऑनलाइन क्लास से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। पिछले डेढ़ माह के अभिभावक प्रतिदिन स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ प्रदर्शन कर फीस माफी की मांग कर रहे हैं। अगस्त माह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इंदौर आगमन पर अभिभावकों ने उनका काफिला रोककर स्कूल प्रबंधकों की मनमानी की शिकायत दर्ज कराई थी। प्रदेश सरकार ने आश्वासन दिया था। बावजूद इसके स्कूल प्रबंधकों द्वारा फीस को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। मामला हाई कोर्ट भी पहुंच चुका है और राहत की बात कई बार सामने आ चुकी है। लेकिन अभिभावकों के पास प्रतिदिन फीस को लेकर मैसेज भेजे जा रहे हैं।
ऑनलाइन परीक्षा की गई आयोजित
कुछ स्कूल प्रबंधकों द्वारा ऑनलाइन परीक्षा भी आयोजित की गई है। कई स्कूलों में परीक्षा पूरी करा ली गई है। परीक्षा के दौरान कई बच्चे उसमें शामिल नहीं हो पाए हैं। कई अभिभावकों की बच्चों के भविष्य को देखते हुए ऑनलाइन परीक्षा पूरी कराई गई। बताया जा रहा है कि ऑनलाइन परीक्षा लेकर उन पर भी फीस जमा करने का दबाव आने वाले दिनों में बनाया जाएगा।
शिक्षक मजबूरी में फंसे हुए
कुछ शिक्षकों ने दबी जुबान स्वीकार किया है कि उन्हें मजबूरी में विद्यार्थियों की ऑनलाइन परीक्षा लेना पड़ रही है और अभिभावकों फीस जमा करने के मैसेज भेजना पड़ रहे हैं। उन्हें भी अपने वेतन को लेकर परेशानी उठाना पड़ रही है। कुछ स्कूल प्रबंधकों ने ऑनलाइन क्लास के दौरान पाठ्यक्रम को पूरा कराने का दबाव भी शिक्षकों पर बनाना शुरू कर दिया है।