माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
जगन्नाथ रथयात्रा की अनुमति इस्कॉन मंदिर प्रबंधन की ओर से जिला प्रशासन से मांगी गई थी। जिसकी अनुमति कोरोना गाइड लाइन के चलते नहीं दी गई। मंदिर प्रबंध समिति ने रविवार को परंपरा का निर्वहन करते हुए मंदिर परिसर में ही जगन्नाथ यात्रा निकाली।
इस्कॉन मंदिर की ओर से प्रतिवर्ष धूमधाम के साथ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से निकाली जाती है। दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के चलते जगन्नाथ यात्रा निकालने की अनुमति प्रशासन द्वारा नहीं दी जा रही है। रविवार को इस्कॉन मंदिर प्रबंध समिति की ओर से परिसर में ही यात्रा का आयोजन किया गया जिसके चलते सुबह 10 बजे भगवान जगन्नाथ का बलभद्र व देवी सुभद्रा के साथ पूजन अर्चन किया गया। उसके बाद रथ में विराजित कर मंदिर परिसर में ही परिक्रमा लगाई गई। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालु यात्रा में शामिल हुए। देर रात तक भगवान के दर्शनों का सिलसिला मंदिर में जारी रहा और दिनभर धार्मिक कार्यक्रम होते रहे। आज सुबह मंदिर प्रबंध समिति की ओर से भगवान प्रभुपाद के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया है। भगवान जगन्नाथ यात्रा का उत्सव दस दिनों तक जारी रहेगा। परंपरानुसार जगन्नाथ यात्रा के बाद भगवान की बहन सुभद्रा अपनी मौसी के घर चली जाती हैं।
जिन्हें 10 दिन बाद वापस मंदिर लाया जाएगा। इस्कॉन मंदिर जगन्नाथ यात्रा के साथ ही कार्तिक चौक स्थित खाती समाज के जगदीश मंदिर में भी रथयात्रा उत्सव मनाया गया। कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक समाज के राष्ट्रीय सचिव मिश्रीलाल चौधरी के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष राधेश्याम बागवाला की मौजूदगी में 25 समाजजनों ने भगवान का पूजन अर्चन कर परिसर में ही रथयात्रा की परंपरा को पूरा किया। इस दौरान मंदिर समिति की ओर से प्रसाद के रूप में भात का वितरण किया गया।