शनिवार शाम झमाझम बारिश से कई जगह बनी जलभराव की स्थिति, नगर निगम की टीम पहुंची

माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
वर्षा काल के शुरुआती दिनों में बारिश नहीं होने और जल संकट गहराने के बाद अगस्त-सितंबर माह के कुछ दिनों में झमाझम बारिश ने सभी परेशानियों को दूर कर दिया। शनिवार शाम हुई झमाझम बारिश ने औसतन बारिश का आंकड़ा भी पूरा कर दिया।
बीती शाम दिनभर की उमस के बाद अचानक काले बादलों ने अपना डेरा जमाया और कुछ ही देर बाद झमाझम बारिश शुरू हो गई। 1 घंटे तक चली बारिश से कई स्थानों पर जल जमाव की स्थिति बन गई और लोग परेशानी में दिखाई दिए। लेकिन बारिश से राहत भी महसूस की गई। जीवाजीराव वेधशाला के अनुसार झमाझम बारिश के चलते आज सुबह 6 बजे तक 2 इंच के लगभग वर्षा दर्ज की गई है। जिसके चलते औसतन बारिश का आंकड़ा पूरा हो गया है। अभी कुछ दिन वर्षा काल के शेष बचे हैं उसके बाद भी रिमझिम बारिश हो सकती है। शनिवार को हुई बारिश के बाद दिन रात का तापमान बराबरी पर आ गया है। अधिकतम तापमान 22.5 डिग्री दर्ज किया गया था वहीं रात का न्यूनतम तापमान भी 22 डिग्री रहा। रविवार को मौसम साफ रहेगा। दोपहर बाद हल्की बारिश होने की उम्मीद बनी हुई है।
झमाझम बारिश से शिप्रा नदी का बढ़ा जल स्तर
झमाझम बारिश के बाद शिप्रा नदी का जल स्तर बढ़ गया था जिसके चलते आज सुबह छोटी रपट के ऊपर से पानी गुजरता दिखाई दिया। घाटों पर एक बार फिर कीचड़ जम गया था और श्राद्ध पक्ष में तर्पण करने के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ रही थी। गौरतलब हो कि अगस्त माह में दो बार हुई झमाझम बारिश के बाद शिप्रा में बाढ़ आ गई थी।
निचली बस्तियों और दुकानों में भराया पानी

शनिवार शाम हुई तेज बारिश से शहर की सड़कें जलमग्न हो गई थी। कई निचली बस्तियों के घरों में पानी भरा गया था। गरीब नवाज कॉलोनी के रहवासी बारिश का पानी घरों में आने से परेशान नजर आए। गदा पुलिया हनुमान नाका क्षेत्र में चौराहा तालाब बन चुका था और आसपास की दुकानों में पानी भर गया था। बच्चे यहां अठखेलियां करते दिखाई दे रहे थे। लाल मस्जिद चौराहा, ढाबा रोड, तोपखाना क्षेत्र में भी पानी भरा नजर आ रहा था। वहीं आगर रोड की निचली बस्तियां भी जलमग्न नजर आ रही थी। जलभराव की सूचना मिलने पर नगर निगम टीम ने कई क्षेत्रों में जल निकासी के काम को पूरा
किया।
क्षय रोग विभाग कक्ष के सामने भरा पानी

कल हुई तेज बारिश के चलते जिला अस्पताल स्थित क्षय रोग विभाग कक्ष के सामने पानी भर गया। जिसने मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। विभाग के समीप ही डॉक्टरों के निवास बने हैं जिनके बाहर पानी भरा हुआ है। वहीं साफ-सफाई नहीं होने के कारण निवास स्थानों के आसपास गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। जिससे बीमारी फैलने की आशंका है।