
उज्जैन। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहों का मानव जीवन में विशेष महत्व होता है, राशियों में ग्रहों का स्थान परिवर्तित होना सीधे तौर पर उनके जीवन को प्रभावित करता है। 14 सितंबर तक देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि में वक्री अवस्था में रहने वाले हैं। इसका मतलब यह है कि गुरु अपनी उल्टी चाल चलने वाला है। शास्त्र के मुताबिक गुरु ग्रह को दान-पुण्य, धन, पवित्र स्थल, धार्मिक कार्य, शिक्षा, बड़े भाई, संतान, शिक्षक और गुरु ज्ञान आदि का कारक माना जाता है। इसके साथ ही यह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी होता है। अच्छी बात यह है कि गुरु ग्रह के शुभ होने पर व्यक्ति के जीवन में भी शुभ होता है।
बृहस्पति ग्रह की कृपा वृश्चिक राशि के जातकों पर बनी हुई है। देवगुरु की चाल की वजह से इस राशि के जाताकों के लिए 14 सितंबर तक धन लाभ के योग बन रहे हैं। इससे आपके जीवन से आर्थिक समस्या खत्म होगी। इतना ही नहीं इस दौरान नौकरी और व्यापार में भी योग बन रहे हैं। मेहनत करने से कार्यों में सफलता मिलेगी। परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा, जिससे हर तरफ शांति बनी रहेगी। इस राशि के लिए समय अनुकूल है मकान या फिर वाहन खरीद सकते हैं। दांपत्य जीवन में सुख का अनुभव करेंगे। धनु राशि वालों के लिये14 सितंबर का समय वैसे तो आपके लिए बेहद ही खास है लेकिन इस दौरान आप धैर्य से काम लें। कार्य क्षेत्र में सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। जीवन साथी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करें। मान-सम्मान और पद प्रतिष्ठा में वृद्धि के योग साफ नजर आ रहे हैं। नौकरी-पेशा के लोगों के लिए यहसमय बहुत अनुकूल है पदोन्नति के संकेत दिख रहे हैं। अर्थिक समस्या से छुटकारा मिलेगा। बृहस्पति की वक्री चाल से मीन राशि के जातकों पर भी शुभ असर पडऩे वाला है। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय किसी वरदान से कम नहीं है। ये समय आपके लिए बड़ा ही अनुकूल है इस दौरान आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे। धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में शामिल होने के अवसर प्राप्त होंगे। अगर आप या आप के परिवार में कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहा है तो यह समय उसके लिए बड़ा ही शुभ है। इस दौरान सारी स्वास्थ्य समस्याओं का अंत होगा। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।