
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज का बहुत महत्व है। हिंदू पंचांग के मुताबिक हरियाली तीज का व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष ये पर्व 11 अगस्त को मनाया जाएगी। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए उपवास रखती है। वह भगवान शिवजी और माता पार्वती की पूजा करती है।
हरियाली तीज की तिथि श्रावस मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तारीख 10 अगस्त शाम 6 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी। वह दूसरे दिन शाम 4 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। हरियाली तीज के दिन सुबह उठकर स्नान करें। वह नए वस्त्र पहनकर पूजा करने का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्तल की सफाई करने के बाद मिट्टी से भगवान शिवजी और मां पार्वती की मूर्ति बनाएं। इसके बाद उन्हें साफ नए लाल कपड़े के आसान पर बिठाएं। पूजा की थाली में सुहाग की सभी चीजों को लेकर भगवान को अर्पित करें। तीज कथा और आरती करें। पौराणिक कथाओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था। उनकी तप देखकर शिवजी प्रसन्न हो गए थे। हरियाली तीज के दिन पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था। इस व्रत को रखने से महिलाओं को सौभाग्यवादी होने का आशीर्वाद मिलता है। हरियाली तीज के दिन हरि चूडिय़ा, हरे कपड़े, 16 श्रृंगार और मेहंदी लगाने का विशेष महत्व है
शिव मंदिरों में आस्था
श्रावण मास के चलते धार्मिक नगरी के शिव मंदिरों में आस्था दिखाई दे रही है। महाकाल मंदिर के साथ ही शहर के शिव मंदिरों और अन्य देव स्थलों पर श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।