
लोकायुक्त की टीम ने कृषि उपज मंडी के दो निरीक्षकों के खिलाफ रिश्वतखोरी का केस किया दर्ज, एक निरीक्षक को रंगेहाथों गिरफ्तार भी किया
उज्जैन। चोरी का झूठा आरोप लगाकर कृषि उपज मंडी निरीक्षक ने हम्माल से 8 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। हम्माल ने लोकायुक्त एसपी शैलेन्द्रसिंह चौहान को शिकायत कर दी। जिसके बाद सोमवार को लोकायुक्त की टीम ने मंडी निरीक्षक को रंगेहाथों रिश्वत लेते पकड़ा। लोकायुक्त ने उक्त मामले में दो निरीक्षकों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
शिवशक्ति नगर निवासी भागीरथ पिता आनंदीलाल खांडेकर आगर रोड स्थित कृषि उपज मंडी में हम्माली का काम करता है। 17 जुलाई को मंडी निरीक्षक सत्यनारायण बजाज निवासी महिदपुर ने चोरी का आरोप लगाते हुए भागीरथ का ठेला जब्त कर लिया था। ठेला मुक्त करने के एवज में निरीक्षक बजाज ने 8 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। 20 जुलाई को भागीरथ कार्यालय में निरीक्षक बजाज से मिला तो उन्होने स्पष्ट रुपए का कहा की रुपए देने के बाद ही उसका ठेला मुक्त किया जाएगा। भागीरथ ने 6 अगस्त को लोकायुक्त एसपी शैलेन्द्र कुमार चौहान को इसकी शिकायत कर दी।
फोन लगाकर बुलाया
निरीक्षक बजाज द्वारा रिश्वत मांगे जाने की पुष्टी होने के बाद लोकायुक्त ने आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बनाया। दोनों के बीच फोन पर बात हुई तो पहली किश्त के रूप में 2 हजार रुपए लेकर सोमवार को कार्यालय में बुलाया था। सोमवार को बारिश होने के कारण निरीक्षक बजाज नहीं आया। भागीरथ ने उसे फोन लगाकर कार्यालय में बुलाया तो उसने बारिश को बहाना बनाकर आने से इंकार कर दिया। लेकिन रिश्वत के रुपए कार्यालय में पदस्थ एक अन्य निरीक्षक राकेश रायकवार को देने को कहा।
ठेला मुक्त करने के लिए रिश्वत मांगी
पीड़ित भागीरथ का कहना था कि वह मंडी में 1995 से हम्माली का काम कर रहा है। लेकिन निरीक्षक सत्यनारायण बजाज ने उसे चोरी का झूठा आरोप लगाकर ठेला जब्त कर लिया था। बिना ठेला के हम्माली नहीं कर पाने के कारण आर्थिक परेशानी उठाना पड़ रही थी। निरीक्षक बजाज ने ठेला मुक्त करने के लिए रिश्वत मांगी। जिसके लिए मुझे ब्याज पर रुपए लेकर आने पड़े। परेशान होकर लोकायुक्त को शिकायत की।