
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
चरक भवन 5 साल पहले लॉन्ड्री का ठेका दिया गया था। जिसे बुधवार को कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार ने सील कर दिया है। अब लॉन्ड्री का नया ठेका दिया जाएगा। लॉन्ड्री संचालित करने वाले ठेकेदार पर 18 लाख की पेनल्टी लगाई गई है।
जिला अस्पताल के साथ चरक भवन में मरीजों के पलंग पर बिछाई जाने वाली चादरों और अन्य कपड़ों की धुलाई के लिए है चरक भवन में बनाई गई लॉन्ड्री का ठेका जिला प्रशासन की ओर से वर्ष 2016 में दिया गया था जिसका कॉन्ट्रैक्टर मे. गुमास्ते द्वारा लिया गया था। ग्वालियर से आई टीम ने लॉन्ड्री का ऑडिट किया तो बड़ा खुलासा हुआ। कांट्रेक्टर ने कम धुलाई कर ज्यादा कपड़ों की धुलाई के बिल दिए थे। बिलों में ओवरराइटिंग कर राशि बढ़ाई गई थी। ऑडिट के दौरान जांच में यह भी सामने आया कि लॉन्ड्री में बिजली का उपयोग चरक भवन के कनेक्शन से ही किया गया है जिसका बिल 23 लाख है। कांट्रेक्टर पर बिजली बिल सहित 41 लाख की रिकवरी निकाली गई थी। राशि जमा नहीं करने पर कलेक्टर आशीष सिंह के आदेश पर तहसीलदार ने मैकेनिज्म लॉन्ड्री को सील कर दिया है। कांट्रेक्टर पर 18 लाख की पेनल्टी भी लगाई गई है। ऑडिट होने के बाद कॉन्टैक्टर के पेंडिंग बिल का भुगतान भी रोक दिया गया है। प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी जिसमें कई गड़बडिय़ां सामने आई है।