माटी की महिमा न्यूज/बडऩगर।
एक असहाय गरीब महिला की आंखों के आंसू, उस समय खुशियों में बदल गए जब बडऩगर पुलिस द्वारा अपनी 20 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद उसकी 14 वर्ष की नाबालिक बच्ची को खोज कर उसको सौंप दिया।
दिनांक 14 एवं 15 सितंबर सोमवार की रात्रि 1 बजे मौलाना गांव की गुड्डी बाई पति शैतान भील ने अपनी 14 वर्ष की नाबालिक बच्ची मंजू बाई भील के अचानक अपहरण होने की खबर बडऩगर पुलिस को दी थी। इस पर थाना प्रभारी दिनेश प्रजापति द्वारा गंभीरता से इस विषय को लेते हुए वरिष्ठ अधिकारीगण को घटना से अवगत कराया। पश्चात पुलिस अधीक्षक जिला उज्जैन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आकाश भूरिया से निर्देशन प्राप्त किए तथा अपहृत बच्ची को तलाशी हेतु त्वरित गति से विशेष टीम तैयार की। थाना प्रभारी द्वारा गंभीरतापूर्वक फरियादी गुड्डी बाई से विस्तृत पूछताछ की गई जिसमें आए तथ्यों से थाना प्रभारी पुलिस को बच्ची के साथ कोई घटना या अनहोनी ना हो जाए यह आशंका और ज्यादा बढ़ गई फरियादि से पूछताछ में उसके द्वारा अपने अनोखीलाल द्वारा गुलरीपाड़ा से सविता नाम की लड़की को भगाकर ले गया था। जिसके बारे में पूछताछ के लिए सविता के परिवार में प्रकाश भील, भगवंता भील, मंजू बाई और रिश्तेदार धनश्याम भील को सोमवार की शाम अपने घर आकर अपनी पत्नी मंजू भील के साथ मारपीट करना बताया और उसके कुछ देर बाद से ही अपनी बेटी का अचानक अपने घर से अपरहण होना बताया।
ऐसे समझे पूरे मामले को
पुलिस द्वारा अपहरण में लापता होने से पहले खेत पर गुलरीपाड़ा के व्यक्तियों से विवाद होना बताने अपहर्ता के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होने की संभावनाओं के चलते पुलिस द्वारा घटनास्थल के आसपास मौजूद नागरिकों की मदद से घटनास्थल के आसपास के खेत एवं घटनास्थल के पास के बने कुएं में मौके पर उपलब्ध संसाधनों व अनुभवी तैराकों व कैमरे की मदद से अपहर्ता मंजू की तलाश की गई। ग्राम मोलाना व आसपास के खेतों में सोयाबीन काटने आए आदिवासी समूह में एक व्यक्ति द्वारा बहला फुसलाकर कर ले जाने की संभावना के कारण लगभग 350 से 400 मजदूरों से पूछता की गई। घटनास्थल को जाने वाले रास्तों के सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए व आस-पास के गांव में मजदूरी करने आए मजदूरों के समूह में अपर्ता की तलाश की गई एवं घटनास्थल के पास बने कुएं में कैमरा डालकर भी नाबालिक बच्ची की तलाशी की। पुलिस द्वारा घटनास्थल का आसपास के क्षेत्र में की गई उक्त सर्चिंग की कार्रवाई से स्पष्ट हो गया कि अपर्ता सुरक्षित है। पुलिस द्वारा फरियादिया के रतलाम, धार व आसपास के क्षेत्रों के सभी रिश्तेदारों की जानकारी ली गई और अधिकतम रिश्तेदारों से फोन पर लगातार संपर्क किए गए एवं उनके आसपास के लोगों को भी बालिका की तलाशी हेतु बताया गया। जिससे अपहृत बालिका के अपने जीजा विक्रमगढ़ निवासी गोंदी खेड़ा के पास पहुंचने की सूचना प्राप्त होने पर पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए अपर्ता मंजू को उसके जीजा विक्रम सिंह निवासी गोविंद खेड़ा थाना बदनावर के पास से पकड़ा गया। नाबालिग बालिका मंजू से पूछताछ करने पर विवाद होने के कारण घबरा जाने से टापरी से भागकर नर्सरी में रात गुजारना व कल सुबह अपनी बहन लक्ष्मी के घर के लिए पैदल पैदल निकल कर दिन ढलने तक उसके घर पहुंच जाना व कोई घटना नही घटित होना बताया गया।
इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
उक्त कार्रवाई में थाना प्रभारी दिनेश प्रजापति, उप निरीक्षक जीवन विंडोरे, गजा सिंह पटेल, महेश सिंह चौहान, आरक्षक महेश मोर, रोहित तिवारी, आरक्षक महेंद्र, बने सिंह की सराहनीय भूमिका रही।