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जिम्मेदारों के आगे गुहार लगा-लगाकर थक गए मंडोदा-करजू के ग्रामीण

माटी की महिमा/शाजापुर
मंगल नाहर/ब्यूरो

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बार-बार आश्वासन मिला, लेकिन नहीं सुधरी गांव की कच्ची सडक़
शाजापुर।
आजादी के 70 साल बीतने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसने वाले बदनसीब ग्रामीणों में मोहन बड़ोदिया विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत मंडोदा ओर करजू के रहवासियों का नाम भी शामिल हैं। जो जिम्मेदारों की सुस्ती, अनदेखी ओर निष्क्रियता के चलते अनचाही सजा भूगतने को मजबूर हो गए हैं। यहां की मुख्य समस्या दोनों गांव को जोडऩे वाली मुख्य सडक़ है जो कच्चे मार्ग के रूप में भयंकर दुर्दशा का शिकार होकर सालों से अपने सुधार की बांट जोह रही है।
मंडोदा से लेकर करजू तक दो गांव को एक करने वाली प्रमुख सडक़ पर बारीश के मौसम में बन चुके उबड़-खाबड़ गड्ढों ने अब इसे इतनी बदहाल अवस्था में पहुंचा दिया है कि इस पर पैदल चलना तो दूर वाहनों से गुजरना भी बेहद मुश्किल हो गया है। इस मार्ग का उपयोग प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीण आवागमन के लिए करते हैं लेकिन इस पर चलना उनके लिए आसान सफर कम दुर्घटनाओं की संभावनाओं से भरा ज्यादा साबित होता है क्योंकि उबड़-खाबड़ ओर गड्ढों से भरा होने के कारण इस कच्चे मार्ग से गुजरना किसी खतरे से खाली नहीं है। बारीश के मौसम में ग्रामीणों की इस समस्या ने ओर अधिक विकराल रूप धारण कर लिया है क्योंकि सडक़ के गड्ढों में जल भराव ओर कीचड़ से लोगों की मुश्किलें बेहद बढ़ गई हैं। बीते दिनों स्वदेश की टीम ने भी यहां पहुंचकर हकीकत के हाल जानने के साथ ग्रामीणों से इस समस्या के संबंध में चर्चा की थी तब पता चला कि इस तकलीफ को वे सालों से झेलने के आदि हो चुके हैं। कई बार इस विकट समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने दोनों ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जिला प्रशासन को आवेदन देकर स्थिति से अवगत करवा भी दिया है लेकिन लोक निर्माण विभाग के माध्यम से होने वाले इस सडक़ निर्माण की फाईल आगे बढ़ ही नहीं रही है। इस बारे में जब लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से सडक़ बनाने की बात की जाती है तो अधिकारी सडक़ निर्माण की डी.पी.आर.की स्वीकृति के इंतजार का कहकर मामला टाल देते हैं। परिणाम स्वरूप विभागीय टालमटोली से समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है ओर ग्रामीण तकलीफें झेलने पर मजबूर हैं।

  • इनका कहना है
    गांव तक पहुंचने वाली मुख्य सडक़ लंबे समय से कच्ची अवस्था में होकर ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। इसका निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा होना है जिसे लेकर ग्राम पंचायत द्वारा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को भी कई बार अवगत करवा दिया गया है। लेकिन अभी तक सुधार नही हो सका है। सरपंच होने के नाते ग्रामीणों की परेशानी को लेकर मेरे द्वारा व्यक्तिगत रूप से भी प्रयास किए गए हैं किन्तु हर बार शीघ्र सडक़ निर्माण का आश्वासन ही मिलता है और जनसमस्या का निदान नहीं होता।
    -जगदीश चौधरी
    सरपंच प्रति.ग्राम मंडोदा
    मुख्य मार्ग से मंडोदा तक पहुंचने वाली यह सडक़ ग्राम करजू तक आती है जो सालों से बदहाल अवस्था में है। गांव के पैदल, दोपहिया और बड़े वाहनों से सफर करने वालों के लिए इस पर चलना मुश्किल हो चुका है। गांव से आने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं होने के कारण बिमार और अस्वस्थ मरीजों के लिए तो यह मार्ग ओर अधिक परेशानीभरा साबित होता है। ग्राम पंचायत ने लिखित रूप से कई बार लोक निर्माण विभाग से इसके निर्माण की मांग की है लेकिन अभी तक स्थिति बदहाल ही बनी हुई है।
  • खुशीलाल
    सरपंच प्रति.ग्राम करजू

    ग्रामीणों की समस्या और सडक़ निर्माण की मांग जायज है जिसे देखते हुए हमारे द्वारा वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्ताव बनाकर बहुत समय पूर्व ही भेज दिया गया है। लेकिन अभी इसकी डी.पी.आर.स्वीकृत नहीं हुई है जिसके कारण काम शुरू नहीं हो सका है। डी.पी.आर.स्वीकृत होते ही सडक़ निर्माण शीघ्र शुरू हो जाएगा।
    -रविकुमार वर्मा
    इ.ई.लोनिवि, शाजापुर।
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