उज्जैन। लघु एवं सीमान्त कृषकों के हित में सिचाई व्यवस्था तथा वर्षा के जल के संचय हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा बलराम तालाब योजना का प्रारंभ वर्ष 2010 में किया गया था। बलराम तालाब योजनान्तर्गत देवास जिले में वर्ष 2011 से 2015 के मध्य 2037 बलराम तालाबों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई। बलराम तालाब निर्माण के दौरान शासन स्तर पर शिकायत होने पर तत्कालीन अवर सचिव सामान्य प्रषासन विभाग द्वारा जिला कलेक्टर देवास को बलराम तालाबों के निर्माण में हुई अनियमितता की जाॅच हेतु आदेशित किया गया। जिला कलेक्टर देवास द्वारा देवास जिले में निर्मित बलराम तालाबों के भौतिक सत्यापन पर कुल 361 तालाब मौके पर निर्मित नही पाये गयें। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई उज्जैन के पुलिस अधीक्षक श्री दिलीप सोनी ने बताया कि प्राथमिक भौतिक सत्यापन पर देवास जिले के विकासखण्ड टोकखुर्द, विकासखण्ड सोनकच्छ तथा विकासखण्ड देवास में कुल 361 बलराम तालाबों का निर्माण नही किया जाना पाया गया, जबकि उक्त 361 तालाबों की अनुदान राशि का भुगतान हितग्राहियों को किया जाना पाया गया है। इस प्रकार कृषि विभाग, जिला देवास के तत्कालीन अधिकारियों/कर्मचारियों तथा विकासखण्ड टोकखुर्द, देवास व सोनकच्छ के हितग्राहियों द्वारा षडयंत्रपूर्वक अनुदान की कुल राशि 2.92 करोड रूपयों की शासन को आर्थिक क्षति पहुॅचाई गई। जाॅच पर संबधित अधिकारियों/कर्मचारियों एवं हितग्राहियों के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 409,420,467,468,471,120-बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संशोधित धारा 13(1)(ए),13(2),7(सी) का अपराध प्रमाणित पाया जाने पर दिनांक 21.09.2020 को थाना ईओडब्ल्यू में आरोपियों के विरूद्ध 02 अपराध दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई।