प्रोफेसर और स्पोर्ट्स सामान सप्लायर के साथ धोखाधड़ी
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
शातिर बदमाशों द्वारा अपने झांसे में लेकर लोगों को ठगा जा रहा है। जहां कम पढ़े लिखे लोग इनकी बातों में फस रहे हैं वही अब पढ़े लिखे लोग भी धोखाधड़ी का शिकार होने लगे हैं। ऐसे ही दो मामले प्रोफेसर और स्पोर्ट्स सामान का सप्लाई करने वाले कांग्रेस नेता के साथ होना सामने आए हैं। नीलगंगा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
मामला-1
सरकारी सप्लाई का दिया झांसा
विष्णुपुरा में रहने वाले कांग्रेसी नेता लालचंद भारती स्पोर्ट्स सामान का सप्लाई का काम करते हैं। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित दंपत्ति बाल किशोर बेरवा और कविता ने कांग्रेस नेता से संपर्क कर अपने झांसे में ले लिया। दंपत्ति ने छत्तीसगढ़ में खेलों का बड़ा स्कोप होने की बात कहते हुए सरकारी कॉन्ट्रैक्ट दिलाने और सामान सप्लाई का ठेका दिलाने के नाम पर 5 लाख रुपए देने के लिए कहा। सामान का सप्लाई करने वाले कांग्रेसी नेता धोखेबाज दंपत्ति के जाल में फस गए और 5 लाख रुपए का चेक दे दिया। रायपुर के दंपत्ति ने खुद को चिराग वेंचर नाम से अपनी दुकान होना बताया था। दंपत्ति ने सरकारी ठेका नहीं दिलाया और टालमटोल करने लगे। लालचंद भारती ने दोनों से अपने पैसे वापस मांगे तो शातिर दंपति ने उन्हें चेक थमा दिया। बैंक में चेक जमा करने पर बाउंस हो गया। दंपत्ति ने 5 लाख ठग कर संपर्क बंद कर दिया। भारती ने मामले की शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचकर की। एसपी के आदेश पर नीलगंगा पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की है।
मामला-2
चपरासी की मिलीभगत से फसा प्रोफेसर
पॉलिटेक्निक कॉलेज का असिस्टेंट प्रोफेसर अपने ही कॉलेज के चपरासी की बातों में फस कर 10 लाख गवा बैठा। 2019 में विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाले हरसिद्धि प्रसाद श्रीवास्तव को कॉलेज के चपरासी बाबूलाल ने प्रोफेसर के बेटे की नौकरी दिलाने के नाम पर उन्हें भोपाल के अशोक वर्मा से मिलाया और हमीदिया हॉस्पिटल का डॉक्टर बताया। डॉक्टर ने चपरासी के साथ मिलकर प्रोफेसर के बेटे की नौकरी आगर में लगवाने की बात कहते हुए 10 लाख मांगे। अशोक का डॉक्टरी ओहोदा देखकर प्रोफेसर ने पैसे दे दिए। कुछ महीनों बाद कोरोना की शुरुआत हो गई। प्रोफेसर को कोरोना काल के बाद बेटे की जॉइनिंग का हवाला दिया जाने लगा। 2021 खत्म होने के बाद भी बेटे की नौकरी नहीं लगी। प्रोफेसर ने मामले की शिकायत एसपी को दर्ज कराई। जहां से नीलगंगा पुलिस को प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए गए। पुलिस अब चपरासी और डॉक्टर को गिरफ्तार करेगी।