माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
चिटफंड कंपनी द्वारा लोगों को आईडी लेने पर पैसा दोगुना कर लौटाने का झांसा देकर लाखों की धोखाधड़ी की गई थी। कोर्ट ने नौ साल पुराने इस मामले में तीन आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई। 25 हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया।
नवंबर 2013 में जितेंद्र नामक फरियादी ने कोतवाली थाना में चिटफंड कंपनी के नाम से धोखाधड़ी की रिपोर्ट की थी। पुलिस को बताया था कि दोस्त जितेंद्र पुरी के माध्यम से नई सड़क मार्ग स्थित आहूजा इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान पर गया था। यहां संदीप आहूजा, उसका भतीजा रोहित आहूजा मिले। दोनों ने चिटफंड कंपनी स्टेवेल इन्फोटेक के बारे में कई स्कीम बताई। उसको 51 हजार रुपए की आईडी आरोपियों ने आधी कीमत पर दी। आईडी के एवज में पैसे ले लिए लेकिन उसकी रसीद नहीं थी। जितेंद्र पुरी ने भी एक आईडी ली लेकिन उसे भी बहाना बनाकर रसीद के लिए टाल दिया गया। परिचित लव तोमर ने भी 28 हजार रुपए देकर आईडी ले ली पर उसे भी यही कहा गया कि कंपनी से रसीद आने पर देंगे। कुछ दिन बाद स्टेवेल कंपनी की वेबसाइट पर ही यह पता चला कि कंपनी ने कारोबार बंद कर दिया है। पीडि़त लोग आहूजा की दुकान पर पता करने पहुंचे तो वहां ताला लगा मिला। लोगों ने कोतवाली पुलिस को धोखाधड़ी की जानकारी देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी फातिमा अली ने नौ साल पुराने मामले में चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर शक्तिसिंह शेखावत निवासी वैशालीनगर जयपुर, संदीप नंदलाल व रोहित आहूजा निवासी नई सड़क को तीन-तीन साल की सजा सुनाई। मामले में शासन की तरफ से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कुलदीपसिंह भदौरिया ने की।