थांदला /मनीष अहिरवार
कर्मचारियों को एक माह से नहीं मिला वेतन
कृषि उपज मंडी थांदला में पदस्थ कर्मचारियों को एक माह से वेतन नहीं मिला है जिसकी वजह से हुआ मॉडल एक्ट लागू हुआ। मंडी सचिव का कहना है मंडी की आय प्रतिदिन गिरती जा रही है जब से मॉडल एक्ट लागू हुआ है तब से मंडी की आय शुन्य हो गई है। वहीं मंडी कर्मचारियों का कहना है यह मॉडल एक्ट लागू होने के कारण हुआ है इस एक्ट के विरोध में कर्मचारियों ने भूख हड़ताल 2 अक्टूबर से शुरू कर दी गई है। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने बताया 5 जून 2020 से केंद्रीय अध्यादेश की तरह मंडियों में मॉडल एक्ट लागू हुआ है इस सेक्टर में मंडियों के अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं तभी से मंडी कर्मचारी भविष्य को लेकर चिंतित है। कर्मचारियों के अनुसार एक्ट कहां गया है कि मंडी से बाहर कृषि पर कोई टैक्स या रोक-टोक नहीं होगी जबकि मंडी परिसर में व्यापार पर टैक्स देना होगा ऐसी स्थिति मंडी में क्रय-विक्रय करने पर कोई भी व्यापारी या किसान क्यों आएगा। मॉडल एक्ट के बाद से ही मजदूरी आय में भारी गिरावट आ गई है। थांदला मंडी के कर्मचारियों का मासिक वेतन लगभग 500000 रूपए विगत 1 माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है। मध्यप्रदेश सरकार हमारी अति महत्वपूर्ण जायज मांगों को लेकर कर्मचारियों के भविष्य की चिंता करें। मंडी के पदाधिकारी ने आरोप लगाते हुए कहा इस एक्ट की आड़ में मंडियों को बंद करके बहुराष्ट्रीय कंपनी को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। 2 अक्टूबर को धरना स्थल पर अरविंद जाटव, हर्षित यादव, प्रेम सिंह, विजय, नरेश सोलंकी, मांगीलाल मीणा, दीवान मेडा, आदि कर्मचारी मौजूद थे।
“आगामी समय में मध्य प्रदेश की सरकार ने. ठोस कदम नहीं उठाए तो कर्मचारियों का खाना-पीना एवं रहना दुश्वार हो जाएगा“”
सचिव ललित कुमार शर्मा कृषि उपज मंडी समिति थांदला