15 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई और उज्जैन उत्तर के माननीय नदारद, संवेदना पूरी तरह से मर चुकी
प्रदेशभर को झकझोर देने वाली घटना के घटने के कई दिनों बाद भी क्षेत्रीय विधायक की चुप्पी समझ से परे है। 15 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई और उज्जैन उत्तर के माननीय नदारद, संवेदना पूरी तरह से मर चुकी है।
उक्त वक्तव्य जारी करते हुए शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विवेक यादव ने कहा कि जहरीली शराब पीने से 15 लोगों की मृत्यु होने की गंभीरतम घटना धार्मिक नगरी उज्जैन में घटी इस घटना में मूल दोषियों को बख्शा जा रहा है, छोटे मोहरों पर कार्रवाई कर मध्यप्रदेश सरकार असली माफियाओं को बचा रही है। सरकार के विधायक और पूर्व मंत्री जिनके विधानसभा क्षेत्र में यह घटना घटी है उनकी भी कोई जवाबदारी तय होनी चाहिए। कहने को तो वह क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि है किंतु अभी तक ना तो वे मृतक परिवार से मिलने और संवेदना प्रकट करने पहुंचे ना ही घटना पर उन्होंने अपनी कोई प्रतिक्रिया जाहिर की। जबकि अभी तक उन्हें मध्यप्रदेश सरकार से मृतक परिवारों को मुआवजा दिलवा देना चाहिए था किंतु जबसे घटना घटी है तब से लेकर अभी तक पारस जैन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस के यादव ने कहा कि पारस जैन मंत्री नहीं बनने से निराशा में घिरकर घर में बैठ गए हैं जनहित के मुद्दों पर उनका कोई सरोकार नहीं है। कोरोना संकट में ऑडी गाड़ी की अनेकों लापरवाहीयों को सिर्फ इन्हीं के दबाव में अनदेखा किया गया। सर्वविदित है घटना में जिन छोटे छोटे आदमी नगर निगम के अस्थाई कर्मियों पर कार्यवाही की गई बजाय उसके सबसे बड़े खलीफा सुबोध जैन की संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए। उनका इस घटना की एफ आई आर में नाम होना चाहिए क्योंकि सुबोध जैन ही पिछले कई सालों से उज्जैन में नगर निगम के अवैध कामों को अंजाम दे रहे हैं। सुबोध जैन का निलंबन कोई मायने नहीं रखता उनको अपराधी बनाना चाहिए और उनकी संपत्ति की जांच करनी चाहिए। साथ ही जिला कलेक्टर और एसपी की भूमिका की जिम्मेदारी देकर उन्हें भी तत्काल पद से हटाना चाहिए। विवेक यादव ने नगर निगम प्रशासन पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि कोई जहरीली शराब बेच रहा है तो कोई ठेकेदारों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर रहा है नगर निगम की संपत्ति में शराब के कारखाने चल रहे हैं आखिर यह कैसी नगर निगम है युवा शुभम खंडेलवाल के हत्यारे अभी तक पुलिस गिरफ्त से दूर है हत्यारे इंजीनियरों की संपत्ति को भी जप्त कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए। साथ ही जो कार्रवाई सुल्तान और गब्बर व अन्य पर की गई वही कार्यवाही उपायुक्त सुबोध जैन पर भी होनी चाहिए।