नई दिल्ली। कोरोना वायरस वायुजनित है, सीधे शब्दों में कहें तो क्या यह हवा में फैलता है विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भले ही प्रत्यक्ष रूप से इससे इंकार किया हो, लेकिन सैंकड़ों वैज्ञानिक यह मानते हैं कि कोरोना हवा में फैलनी वाली बीमारी है। रिपोर्ट के मुताबिक, सैकड़ों वैज्ञानिकों का दावा है कि हवा में कोरोना वायरस के छोटे कण मौजूद रहते हैं, जो लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। उन्होंने इस संबंध में से अपनी अनुशंसाएं बदलने का भी अनुरोध किया है। यह कहता आया है कि कोरोना मुख्यतः एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तब फैलता है, जब संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान उसके मुंह या नाक से निकलने वालीं पानी की बूंदें दूसरे व्यक्ति तक पहुंचती हैं। जबकि कई देशों के वैज्ञानिकों की सोच इससे अलग है। के अनुसार, वैज्ञानिकों ने के नाम एक खुला पत्र लिखा है, जिसे अगले सप्ताह एक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित करने की योजना है। इस पत्र में 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने सबूत दिए कि हवा में मौजूद वायरस के छोटे-छोटे कण लोगों को संक्रमित कर सकते हैं ।