पीर मत्स्येन्द्रनाथ की समाधि पर दो दिवसीय उत्सव, बंटेगी खीर
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
शरद पूर्णिमा का पर्व कल मनाया जाएगा आसमान से अमृत की बरसात होगी और धार्मिक स्थलों पर पूजा अर्चना के साथ उत्सव मनाया जाएगा शरद पूर्णिमा से ठंड की शुरुआत हो जाती है
धार्मिक नगरी में शरद पूर्णिमा का पर्व 2 दिन मनाया जाएगा कल (शुक्रवार) को पीर मत्स्येंद्रनाथ की समाधि पर दो दिवसीय उत्सव की शुरुआत होगी प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा का पर्व पीर मत्स्येंद्रनाथ की समाधि पर धूमधाम से मनाया जाता है धार्मिक उत्सव के साथ समाधि पर चादर चढ़ाई जाती है वही शहर के अन्य मंदिरों पर भी धार्मिक उत्सव के साथ पूजा अर्चना की जाएगी इस दिन आसमान से अमृत की वर्षा होती है मंदिरों में खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखी जाएगी जिसे रात 12:00 बजे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा भरतरी गुफा के पीर महंत रामनाथ जी ने बताया कि शुक्रवार को अखंड रामायण पाठ होगा शनिवार को शरद पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाएगा शहर के पुष्टिमार्गीय वैष्णव मंदिरों में कल शरद पूर्णिमा का आयोजन होगा कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर रोक रहेगी।
महाकाल मंदिर में शनिवार को मनेगा शरद पूर्णिमा महोत्सव
शरद पूर्णिमा का पर्व महाकाल मंदिर में शनिवार को मनाया जाएगा। तड़के 4 बजे भस्मारती के बाद बाबा महाकाल का आकर्षक शृंगार कर केसरिया दूध का भोग लगाया जाएगा। नियमानुसार मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति रहेगी। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में शाम 7 बजे पूजा-अर्चना के बाद खीर का प्रसाद के रूप में भोग लगाया जाएगा।
शरद पूर्णिमा पर रोगों का उपचार
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर रखकर उसे दमा से पीडि़त रोगियों को बांटने का महत्व भी माना गया है। चंद्रमा की रोशनी में रखी खीर का सेवन करने से कई रोगों से मुक्ति मिलती है। इस पद्धति को आयुर्वेदिक उपचार पद्धति में शामिल किया गया है। इस दिन कर्णभेदन चिकित्सा भी की जाती है।