उज्जैन। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में हत्या के विचाराधीन कैदी द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में परिजनों और समाजजनों ने जेल परिसर के बाहर एकत्रित होकर नारेबाजी की थी। पुलिस ने मामले में 2 दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सितंबर माह में हुई कुख्यात बदमाश दुर्लभ की हत्या के मामले में जीवाजीगंज थाना पुलिस द्वारा सिराजुद्दीन पिता ताजुद्दीन और उसके चार पांच साथियों को गिरफ्तार किया था। 13 सितंबर को सिराजुद्दीन को जेल भेजा गया था। सोमवार सुबह सिराजुद्दीन ने जेल परिसर में वॉच टावर की बिल्डिंग पर कूदकर आत्महत्या कर ली थी। मामले की जानकारी परिजनों और समाजजनों को लगी तो सैकड़ों की संख्या में जेल परिसर के बाहर एकत्रित हो गए। उनके द्वारा हत्या का आरोप लगाया जाने लगा और जेल परिसर के बाहर धरना प्रदर्शन चक्का जाम शुरू कर दिया। इस मामले में देर रात भैरवगढ़ थाना पुलिस द्वारा सिद्धवट पर पंडिताई करने वाले कन्हैया शर्मा की शिकायत पर नारेबाजी कर आवागमन को बाधित करने वाले 2 दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर नारेबाजी करने वालों ने कोविड-19 की गाइड लाइन का भी उल्लंघन किया है। पुलिस फुटेज देखकर आवागमन बाधित करने वालों की गिरफ्तारी करेगी।
डिप्रेशन में आकर की आत्महत्या
हत्या के मामले में विचाराधीन बंदी सिराजुद्दीन की आत्महत्या के मामले में प्रारंभिक तौर पर सामने आया है कि वह पुलिस द्वारा जेल भेजे जाने के बाद से ही डिप्रेशन में था। उसे अपने परिवार की चिंता थी और जेल से कभी छूट नहीं पाने की चिंता लगी हुई थी। संभवत: इसी के चलते उसने आत्महत्या की है।
तीन स्तर पर होगी जांच
जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि विचाराधीन बंदी की मौत के मामले में ज्यूडिशल जांच के साथ जेल विभाग की ओर से भी जांच शुरू की गई है। वही भैरवगढ़ थाना पुलिस द्वारा मामले में मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया है। पुलिस भी मामले की जांच करेगी। फिलहाल मामले में लापरवाही के चलते चार जेल प्रहरीयों को निलंबित किया गया है।