एक माह का प्रशिक्षण प्राप्त कर गंभीर डेम में दिया डेमोंसट्रेशन
उज्जैन। आपदाओं से निपटने के लिए होमगार्ड की महिला सैनिकों को एक माह से प्रशिक्षण दिया जा रहा था। गुरुवार को प्रशिक्षण के समापन पर महिला सैनिकों ने गंभीर डेम में डेमोंसट्रेशन देकर मॉकड्रिल की। महिला सैनिकों को स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पांस फोर्स विंग में शामिल किया गया है जो प्रदेश की पहेली विंग है। अब तक होमगार्ड की एनडीआरएफ विंग आपदा में काम करती थी जिसमें होमगार्ड पुरुष सैनिक शामिल हुआ करते थे।
होमगार्ड डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट संतोष कुमार जाट ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों से आई 56 होमगार्ड महिला सैनिकों को 27 सितंबर से आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा था जो गुरुवार को पूरा हो गया है। अब तक होमगार्ड की एनडीआरएफ विंग आपदाओं से निपटने के लिए मैदान संभालती थी। लेकिन अब एसडीईआरएफ विंग तैयार की गई है। जिसमें महिला सैनिकों को शामिल किया गया है जो प्रदेश ही नहीं देश की पहली विंग होगी। प्रदेश के सभी जिलों से आई महिला सैनिकों ने एक माह के दौरान कठिन परिश्रम कर प्राकृतिक आपदाओं में फंसे लोगों को बचाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस विंग में शामिल महिला सैनिक नदी में डूबते लोगों के साथ नाव और मोटर बोट चलाने में भी महारत हासिल कर चुकी हैं। महिला सैनिक बहुमंजिला इमारत से टायगर जंप और रस्सी के माध्यम से चढऩे के साथ उतरकर लोगों को बचाने के लिए तैयार हैं। प्रशिक्षण अवधि पूरी होने के बाद विंग की सदस्यों ने गंभीर डेम पर डेमोंस्ट्रेशन दिया जिसमें मोटर बोट के साथ मॉकड्रील की गई। महिला सैनिकों ने इस दौरान डूबते हुए लोगों को बचाने के साथ उन्हें बाहर निकालकर फस्र्टएड देने और अस्पताल तक पहुंचाने का प्रदर्शन किया। विंग की सदस्य अपने जिलों में लौटकर स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पॉन्स फोर्स की कमान संभालेंगी।
एक माह में सीखा तैरना और बचाना
होमगार्ड में शामिल हुई अधिकांश महिला सैनिकों ने बताया कि उन्होंने कुछ माह पूर्व ही ज्वॉइनिंग ली है। उन्हें पानी से डर लगता था और तैरना भी नहीं आता था। वहीं बहुमंजिला इमारत पर चढऩे का तरीका भी पता नहीं था। लेकिन होमगार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में एक माह के दौरान उन्होंने तैराकी में महारत हासिल कर ली और इमारतों पर बिना डरे चढऩा-उतरना सीख लिया। अब वह किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा में लोगों की मदद करने के लिए पहुंच सकती हैं।