इंदौर । कोरोना महामारी के कहर के चलते इस बार श्रावण माह के प्रथम सोमवार को मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में धार्मिक परिदृश्य बदला दिखाई दिया। भगवान शिव के दोनों पवित्र मंदिरों में महामारी से बचाव के उपाय अपनाते हुए श्रद्धालुओं को नियंत्रित संख्या में दर्शन की मंजूरी दी गयी। राज्य के जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि क्षिप्रा नदी के तट पर बसे उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में सोमवार को अलग-अलग समय पर करीब 9,000 लोगों को दर्शन की अनुमति दी गयी। इन श्रद्धालुओं ने दर्शन के लिये ऑनलाइन पंजीयन कराया था। अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर सावन के पहले सोमवार को करीब एक लाख लोग महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिये पहुंचते हैं। लेकिन इस बार कोविड-19 से बचाव के लिये श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित की गयी है। इस बीच, खंडवा जिले स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी प्रशासन ने कोविड-19 से बचाव के लिये श्रावण माह के पहले सोमवार को विशेष इंतजाम किये थे। ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) व खंडवा जिले की अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ममता खेड़े ने बताया कि नर्मदा नदी के तट पर स्थित भगवान शिव के इस ज्योतिर्लिंग में दर्शन के लिये वेबसाइट और ऐप सरीखे ऑनलाइन माध्यमों से श्रद्धालुओं को अलग-अलग समय पर नियंत्रित संख्या में अनुमति दी गयी। हालांकि, उन्हें मंदिर के गर्भगृह में जाने की इजाजत नहीं थी।