त्रयोदशी पर बरसा धन, खरीददारी के लिए उमड़े लोग
दो घंटे फोड़े जा सकेंगे पटाखे, आज भी होगा धनतेरस का पूजन
उज्जैन। पांच दिवसीय दीपावली कारोबारी और व्यापारियों के लिए रौनक लेकर आई है। दो दिवसीय त्रयोदशी के पहले दिन गुरुवार को जमकर धन बरसा। खरीददारी के लिए शहरवासी बाजार में उमड़ पड़े। कल दीपावली का उत्साह दिखाई देगा। घर-प्रतिष्ठान दीपों की रोशनी से जगमगाएंगे और पटाखों की गूंज सुनाई देगी।

कोरोना संक्रमण काल के बाद अर्थव्यवस्था बिगड़ चुकी थी। नवरात्रि और दशहरा पर्व फीका गुजरने के बाद पांच दिवसीय दीपावली से सभी को कारोबार अच्छा चलने की उम्मीद बनी हुई थी। दीपावली का पर्व शहरवासियों के साथ व्यापारी और कारोबारियों के लिए खुशियां लेकर आया है। अधिक मास के चलते एक माह देरी से आई दीपावली पर्व में त्योहार तिथियों के चलते दो दिन के हो गए थे। पुष्य नक्षत्र से बाजार में रौनक की शुरुआत हो गई थी। धनतेरस का पर्व दो दिन का होने पर गुरुवार को पहले दिन बाजार में पैर रखने की जगह दिखाई नहीं दी। खरीददारीके लिए शहरवासी उमड़़ पड़े थे। बाजार पूरी तरह से ग्राहकों के लिए तैयार था। शाम ढलते-ढलते करोड़ों का कारोबार होना सामने आ गया। बर्तन बाजार, इलेक्ट्रॉनिक, आभूषण, कपड़ा बाजार से लेकर दीपावली पर्व से जुड़ी हर सामग्री की जमकर खरीददारी हुई। आज भी धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है। बाबा महाकाल के दरबार में सुबह भगवान धन्वंतरि का पूजन किया गया। आज भी खरीददारी के लिए लोग बाजार पहुंच रहे हैं। कल दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। हिंदू सम्प्रदाय के सबसे बड़े पर्व में शामिल दीपोत्सव हर वर्ग से जुड़े लोगों के कारोबार के लिए खास माना जाता है। दीपावली पर भी खरीददारी जमकर होगी।

गेंदे ने लगाया शतक, गुलाब ढाई सौ पर
दीपावली पर्व पर गेंदे के फूल का व्यवसाय चरम पर होता है। आज सुबह फूल मंडी में गेंदे का फूल 100 रुपए से 110 रुपए किलो के बीच बना हुआ था। कल दीपावली पर इसके भाव 25 से 30 रुपए बढऩे की संभावना है। वहीं गुलाब का फूल 250 रुपए किलो में बिक रहा था। फूल व्यवसायी शुभम बारोड़ ने बताया कि गेंदे के फूल में दो से तीन तरह की क्वालिटी आज सुबह मंडी पहुंची थी। जिसमें 80 रुपए किलो का भाव भी शामिल था। दीपावली पर कमल के फूल का महत्व भी होता है। जिसके भाव 10 रुपए प्रति नग था। कल दीपावली पर इसमें भी 5 से 10 रुपए का उछाल आ सकता है।
आज रुप चतुर्दशी का पर्व
दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव में रुप चतुर्दशी का पर्व भी मनाया जाता है। दो तिथि एकसाथ होने पर धनतेरस के साथ आज रूप चतुर्दशी का पर्व भी शाम को मनाया जाएगा। पर्व को लेकर महिलाओं ने सजने-संवरने के लिए ब्यूटी पार्लर का रूख सुबह से ही कर लिया था। रूप चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। यह पर्व कल दोपहर तक तिथि के अनुरूप बना रहेगा। उसके बाद दीपावली की शुरुआत हो जाएगी। महाकाल मंदिर में रूप चतुर्दशी का पर्व कल सुबह मनाया जाएगा। भगवान को चंदन का उबटन लगाकर अभ्यंग स्नान कराया जाएगा। इसके साथ ही बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने की शुरुआत भी हो जाएगी।
दो घंटे चला सकेंगे पटाखे
दीपावली पर खुशियों के रूप में फोड़े जाने वाले पटाखों की गूंज पर्व की देर शाम से ही शुरू हो जाती है जो देर रात तक जारी रहती है। लेकिन इस बार प्रशासन ने पटाखे फोडऩे की समय सीमा तय कर दी है। रात 8 बजे से 10 बजे तक दीपावली पर पटाखे चलाए जा सकेंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के वायु प्रदूषण संबंधित आदेश के बाद प्रदेश के कई जिलों में इस निर्णय को लागू किया गया है। पटाखों को चलाने की क्वालिटी भी ग्रीन पटाखों के रूप में जारी की गई है। इस बार पटाखा बाजार में चायना के काफी कम पटाखे पहुंचे हैं। वहीं प्रशासन की नजर देवी-देवताओं के फोटो से बने पटाखों पर भी बनी हुई है।