उज्जैन। कार्तिक मास के दूसरे सोमवार पर बाबा महाकाल की सवारी सादगी के साथ निकाली गई। बिना बैण्ड बाजे और भजन मंडलियों के बाबा की पालकी रामघाट पहुंची थी। इस दौरान बाबा का शिप्रा के जल से अभिषेक किया गया और जयकारों के साथ पालकी मंदिर लौट आई। कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने सवारी मार्ग पर सुरक्षा के इंतजाम किए थे। अधिक भीड़ न हो इसके लिए बाबा की पालकी को रस्सी के घेरे के बीच रखा गया था। सवारी परंपरागत मार्ग से निकाली गई।