माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन। देव उठनी ग्यारस के बाद विवाह की शहनाइयां गूंजना शुरू हो गई थी। 11 जनवरी को विवाह का आखिरी मुहूर्त रहेगा। उसके बाद मलमास की शुरुआत होते ही शहनाइयों की गूंज थम जाएगी। तीन माह बाद एक बार फिर शहनाई बजेगी। इस वर्ष अधिक मास की वजह से दीपावली का पर्व एक माह बाद मनाया गया। वहीं विवाह समारोह की शुरुआत भी देरी से हुई है। इस बार विवाह के मुहूर्त काफी कम थे। 11 दिसंबर से विवाह मुहूर्त में बजने वाली शहनाई फिर से थम जाएगी। 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास लगने और गुरु-शुक्र तारा अस्त होने के चलते 16 जनवरी से 13 फरवरी के बीच शुभ कार्य नहीं होंगे। नए वर्ष के अप्रैल माह में ही अब शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। जिसके बाद ही विवाह समारोह की शहनाई सुनाई देगी। दिसंबर माह में कम मुहूर्त होने पर अधिकांश विवाह समारोह 29, 30 दिसंबर के होना सामने आ रहे हैं।