उज्जैन। कोरोना संक्रमण का खतरा अब भी बना हुआ है लेकिन लोग खुद के साथ दूसरों की भी जान खतरे में डालने से पीछे नहीं हट रहे हैं। वैवाहिक कार्यक्रमों में महिलाओं और युवतियों की लिपस्टिक बिगड़ रही है वहीं मेकअप भी खराब हो रहा है जिसके चलते कोरोना से बचने के सबसे बड़े हथियार मास्क उपयोग नहीं किया जा रहा है।
अप्रैल माह में कोरोना संक्रमण के चलते वैवाहिक कार्यक्रम नहीं हो सके थे। देवउठनी ग्यारस के बाद के मुहूर्त कम होने से इन दिनों शादियों की धूम दिखाई दे रही है। प्रशासन ने वैवाहिक कार्यक्रमों के दौरान कोरोना संक्रमण को देखते हुए बचाव की गाइडलाइन जारी कर रखी है। लेकिन नियमों का पालन होता दिखाई नहीं दे रहा है। विवाह के दौरान होने वाले माता पूजन कार्यक्रम से लेकर रिसेप्शन तक बिना माक्स लगाए ही लोग पहुंच रहे हैं। महिलाओं और युवतियों लिपस्टिक बिगडऩे और मेकअप खराब होने की वजह से मास्क से पूरी तरह दूरी बना चुकी हैं। युवा वर्ग भी वैवाहिक कार्यक्रमों के दौरान बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के दिखाई दे रहे हैं। शहर में प्रतिदिन 20 से अधिक संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो रही है। लगातार जिले में पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। बावजूद इसके लोगों द्वारा खुद की जान को खतरे में डाला जा रहा है।
हो सकता है कोरोना विस्फोट
लॉकडाउन खुलने के बाद जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के सामने आने की संख्या कम हुई थी। पुलिस द्वारा लगातार गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा था। जिसके चलते प्रतीत हो रहा था कि कोरोना से जंग जीत ली जाएगी। लेकिन दीपावली की खरीदारी के लिए बाजार में दिखाई दी, भीड़ के बाद कोरोना की दूसरी लहर सामने आ गई थी। अब वैवाहिक कार्यक्रमों में गाइडलाइन का पालन नहीं होनेे से एक बार फिर कोरोना विस्फोट की आशंका बढ़ती दिखाई दे रही है जो कोरोना की तीसरी लहर के रूप में हो सकती है। कोरोना की जंग जागरूकता से ही जीती जा सकती है जिसका ध्यान लोगों को रखना होगा।