पुलिस करती रही पेट्रोलिंग, बाजार बंद कराने वालों को रोका
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
केन्द्रीय कृषि कानून को लेकर आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। जिसका उज्जैन में असर दिखाई नहीं दिया है। किसानों के समर्थन में मुट्ठीभर कांग्रेसी सड़कों पर निकले थे। जिन्हें पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। कांग्रेसियों ने गोपाल मंदिर पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बनाए गए कृषि कानून को वापस लेने की मांग की है।
पिछले एक सप्ताह से केन्द्रीय कृषि कानून को लेकर किसान संगठनों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान नेताओं और सरकार के बीच सुलह को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। इस बीच आज 8 दिसंबर को किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। जिसको लेकर उज्जैन में कांग्रेस के मुट्ठीभर नेता किसानों के समर्थन में सड़क पर आए हैं। सुबह से कांग्रेस नेता क्षीरसागर स्थित कांग्रेस कार्यालय से बाजार बंद कराने के लिए निकले थे। उन्होंने देवासगेट पहुंचकर दुकानें बंद कराने का प्रयास किया। इस बीच पुलिस ने बाजार बंद करा रहे कांग्रेसी नेताओं को रोकने का प्रयास करते हुए आगे बढ़ा दिया। कांग्रेस नेताओं की पुलिस से हल्की बहस हुई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेन्द्र सिंह ने बेवजह दुकानें बंद कराने और नियमों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी कांग्रेस नेताओं को दे डाली। उसके बाद कांग्रेस नेता अपना मुट्टीभर का काफिला लेकर कंठाल चौराहा पहुंच गए। यहां भी पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। गोपाल मंदिर पहुंचकर कांग्रेस नेताओं ने एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर लागू किए गए केन्द्रीय कृषि कानून को वापस लेने की मांग की।

शहरवासियों ने नहीं दिया समर्थन
किसान कानून को लेकर शहरवासियों ने भारत बंद के आह्वान का समर्थन नहीं किया है। सुबह से ही बाजार खुल गया था। कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में व्यापार-व्यवसाय प्रभावित होने से परेशान दुकानदारों और व्यापारियों ने अपने व्यवसाय की शुरुआत सुबह से ही कर दी थी। कुछ कांग्रेसी बंद कराने पहुंचे तो उन्होंने अपना विरोध भी दर्ज कराया। शहर में जहां दुकानें खुली थीं वहीं आवागमन के साधन भी रोजाना की तरह चल रहे थे। देवासगेट और नानाखेड़ा बस स्टेण्ड से बसें संचालित हो रही थीं। ऑटो चालक सवारी लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा रहे थे। मैजिक का संचालन भी प्रतिदिन की तरह होता दिखाई दे रहा था। दोपहर 12 बजे तक कांग्रेसियों ने बंद को लेकर हो-हल्ला किया उसके बाद स्थितियां पूरी तरह से आम दिनों की तरह सामान्य हो चुकी थी।

पेट्रोलिंग के साथ चेकिंग पाइंट पर तैनात रही पुलिस
किसानों द्वारा किए जा रहे कृषि कानून के विरोध को लेकर भारत बंद का आह्वान होने पर पुलिस और प्रशासन एक दिन पहले ही अलर्ट हो गया था। आज सुबह से जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने शहर में पेट्रोलिंग शुरू कर दी थी। मुख्य चौराहों पर पुलिस बल तैनात किया गया था। वहीं शहर को जोडऩे वाले बाहरी मार्गों के चेकिंग पाइंटों पर पुलिसकर्मियों की नजरें बंद को लेकर किए जा रहे आह्वान पर लगी हुई थी। जिले में बंद का समर्थन लोगों द्वारा नहीं किए जाने से स्थिति पूरी तरह सामान्य दिखाई दे रही थी।
भारत बंद का आह्वान उचित नहीं
भारतीय किसान संघ के प्रदेश प्रवक्ता भारतसिंह बैस ने कहा है कि वे बंद का विरोध करते हैं। कृषि बिल में संशोधन होना चाहिए, पर भारत बंद करना ठीक नहीं। हमारी मांग है कि एमएसटी में उपज खरीदारी की गारंटी किसान को मिले और अगर कोई विवाद होता है तो उसका निराकरण करने के लिए पृथक से कृषक न्यायालय बने। उज्जैन दाल निर्माता संघ के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा है कि एमएसटी लागू नहीं होना चाहिये। हां, सरकार इतना करें कि 5 एकड़ से अधिक जमीन जितने भी किसानों के पास है, उन्हें आयकर के दायरे में लाए।