भोपाल और खंडवा ओबीसी महिला, देवास, कटनी, सागर सामान्य महिला के लिए आरक्षित, इंदौर सामान्य वर्ग के लिए अनारक्षित
भोपाल। आज सुबह 11 बजे रवींद्र भवन में मप्र में आगामी दिनों में होने वाले नगरीय निकायों के चुनाव को लेकर महापौर/अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया शुरु हुई समाचार लिखे जाने तक यह प्रक्रिया जारी थी। उज्जैन में महापौर का पद फिर से अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित कर दिया गया है। लेकिन इस आरक्षण में महिला-पुरुष कोई भी महापौर पद के लिए दावेदार हो सकता है लेकिन वह अनुसूचित जाति वर्ग से होना चाहिए।
आरक्षण होने से उज्जैन में कई नये समीकरण बनेंगे। कांगे्रस और भाजपा से महिलाएं भी महापौर पद के लिए दांवेदारी करेंगी। कयास लगाये जा रहे थे कि अबकी बार पुरुष वर्ग के लिए होगा। लेकिन में आरक्षण में इसे अनुसूचित जाति में ही आरक्षण करके मुक्त रखा गया है।
मध्य प्रदेश में 407 नगरीय निकायों में महापौर व अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण होना है। इनमें 16 नगर निगम, 99 नगर पालिका और 292 नगर परिषद हैं। नगरीय निकाय चुनावों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। लिहाजा जल्द ही निकाय चुनावों के लिए तारीख का ऐलान होगा। यह चुनाव भी एक जनवरी 2020 की मतदाता सूची के आधार पर ही कराए जाएंगे, ताकि तीन माह के अंदर ही चुनाव संबंधित सभी तैयारियां पूरी की जा सकें। इस संदर्भ में नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव ने सूचना भी जारी की है। इसमें बताया गया है कि महापौर तथा अध्यक्ष के पद का आरक्षण नियम 1999 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। भोपाल और खंडवा ओबीसी महिला, देवास, कटनी, सागर सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित, इंदौर सामान्य अनारक्षित वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है।