माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
हिन्दू धर्म में पौराणिक मान्यताओं का विशेष महत्व है। भगवान राम और सीता के विवाह की वर्षगांठ हर वर्ष मार्गशीष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। इसके चलते इस दिन को विवाह पंचमी भी कहते है। इसबार विवाह पंचमी 19 दिसम्बर को मनाई जाएगी। पंचमी तिथि 18 दिसम्बर को शाम 5.37 से अगले दिन 19 दिसम्बर को शाम 5.42 बजे तक रहेगी। उदयकालीन तिथि 19 दिसम्बर को होने से 19 दिसम्बर को एक मत से विवाह पंचमी मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक यह दिन राम भक्तो के लिए खास है। इस दिन कई भक्त भगवान के विवाह के आयोजन बड़े स्तर पर करते है। इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा से कुंवारें लोगों को जीवन साथी की प्राप्ती होती है। योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति और विवाहित लोग वैवाहिक जीवन की समस्यों से मुक्ति के लिए भगवान राम और सीता के पूजन करते है। राम और सीता के विवाह प्रसंग का पाठ करने से पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है। इसके अलावा परिवार में सदैव सामंजस्य और खुशी का माहौल बना रहता है। साथ ही इस दिन रात्रि में भगवान राम और सीता के भजन करना भी बहुत शुभ माना जाता है। पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद ध्यान कर राम विवाह का संकल्प लें। इसके बाद राम और सीता की मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति स्थापना के बाद भगवान राम को पीले वस्त्र और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद भगवान राम और सीता की आरती करें और गांठ लगे वस्त्र को अपने पास सम्भाल कर रखे।