माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
ईसाई समाज के सबसे बड़े पर्व क्रिसमस की खुशियां दिखाई देने लगी है। 25 दिसंबर को प्रभु यीशु का जन्मोत्सव बड़े दिन के रूप में मनाया जाएगा। गिरजाघर, चर्च भवन और प्रार्थना भवन विद्युत रोशनी से जगमगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
दिसंबर माह ईसाई समाज के लिए सबसे बड़ी खुशियां लेकर आता है। 25 दिसंबर को क्रिसमस पर्व प्रभु यीशु के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। जिसकी शुरुआत समाजजनों ने 6 दिसंबर से कर दी थी। जैसे-जैसे क्रिसमस पर्व का दिन करीब आता जा रहा है समाजजनों में खुशियां छा रही है। शहर के देवास रोड स्थित मारिया नगर कैथोलिक चर्च और मसीही मंदिर चर्च विद्युत रोशनी से जगमगा रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल के चलते समाजजनों द्वारा कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए आराधना की जा रही है। कल रविवार को मसीही मंदिर चर्च में क्रिसमस ट्री की आराधना होगी। इसके साथ ही कैरोल गीत गाने की शुरुआत भी हो जाएगी। क्रिसमस को लेकर समाजजनों के घरों में भी तैयारियां शुरू हो चुकी है। घरों के बाहर सितारा चमक रहा है जो प्रभु यीशु के जन्म का संदेश देने का सबसे बड़ा प्रतीक है। इस बार क्रिसमस पर्व का उत्साह कोरोना की वजह से कम है। लेकिन समाज के बच्चों में खुशियां दिखाई दे रही है। क्रिसमस को लेकर निकलने वाले जुलूस का स्वरूप भी इस बार भव्य नहीं होगा। चर्च परिसर में ही जुलूस की परंपरा को पूरा किया जाएगा।