1 हजार वर्ष पुरानी दीवार जैसी संरचना, पुरातत्व विभाग पहुंचा
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में शामिल महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण योजना में चल रहे कार्य के दौरान खुदाई में शुक्रवार को 25 फीट की गहराई में 1 हजार साल पुराने मंदिर के अवशेष सामने आए हैं। दीवार जैसी संरचना दिखाई देने के बाद काम रोक दिया गया। पुरातत्व विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई थी।
महाकालेश्वर मंदिर में विस्तारीकरण कार्य के तहत मंदिर के मुख्य द्वार के दाहिनी ओर उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से करीब 23.02 करोड़ की लागत से शिखर दर्शन के प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है। इसके माध्यम से करीब 40 हजार स्क्वेयर फीट क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए लैंड स्केपिंग का कार्य के लिए खुदाई चल रही है। शुक्रवार दोपहर खुदाई कार्य के दौरान 25 फीट की गहराई में पुराने पत्थरों की शिला दिखाई दी। इन पत्थरों पर प्राचीन कलाकृति बनी हुई है। सूचना मिलने के बाद विकास प्राधिकरण ने खुदाई का काम रोक दिया है। वहीं मंदिर प्रशासन ने स्थानीय पुरातत्व विभाग को सूचना दी है। विभाग के विशेषज्ञ इन पत्थरों की जांच कर जानकारी जुटाएंगे। महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान मिले अवशेष को लेकर विक्रम विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग के डॉ. रमण सोलंकी का कहना है कि महाकाल मंदिर के आस-पास मंदिरों की श्रृंखला हो सकती है। जो अवशेष मिले है वे भूमि शैली के मंदिर के है। परमार काल में तीन तरह के मंदिर निर्मित हुए थे। इस तरह के पुरातात्विक अवशेष पहली बार मिले है। यह करीब एक हजार वर्ष पुराने हो सकते है। डॉ. सोलंकी ने बताया कि 1232 में मंदिर पर आक्रमण हुआ था इसके प्रमाण भी मौजूद हैं। यहां मंदिर तोड़ गया होगा, इसके बाद भराव किया गया। खुदाई के दौरान पुरातात्विक सामग्रियां भी मिलने की संभावना है।