खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग की टीम को भी मिली जिला अस्पताल की भोजन शाला में शुद्ध खाद्य सामग्री
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
जिला अस्पताल में मरीजों को वितरित होने वाले भोजन में इल्ली निकलने का मामला षड्यंत्र का इशारा कर रहा है। खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम को भी अस्पताल की भोजनशाला में शुद्ध सामग्री होना मिली है। भोजन में शामिल मूंग की दाल में इल्ली होना बताया गया था जो दाल का अंकुर होना सामने आ रहा है।

रविवार को जिला अस्पताल के हड्डी वार्ड में भर्ती ग्रामीण क्षेत्र के मरीज ने मिलने वाले भोजन में शामिल दाल के अंदर इल्ली होने का आरोप लगाया। मरीज का कहना था कि तीन दिन से दाल में इल्ली निकल रही है। मरीज ने उपचार कर रहे डॉक्टर महेश मरमट को मामले की सूचना दी। वह तत्काल वार्ड में पहुंच गए। उन्होंने भी बिना कुछ देखे इल्ली होने की पुष्टि कर दी। मामले की जानकारी सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा को लगी तो उन्होंने जांच के आदेश दिए। खाद्य सुरक्षा प्रशासन की टीम जांच के लिए अस्पताल पहुंच गई। मरीजों को दिए गए भोजन की जांच की गई। किसी भी मरीज ने भोजन खराब होना नहीं बताया। जिस मरीज ने आरोप लगाया था उसकी जानकारी जुटाई तो वह अस्पताल से गायब होना पाया गया। सुरक्षा प्रशासन की टीम जिला अस्पताल की भोजनशाला पहुंची जहां भोजन के लिए उपयोग होने वाली खाद्य सामग्री सुरक्षित पाई गई। मूंग की दाल में इल्ली निकलने का आरोप लगाया गया था जो दाल के अंकुरित होने पर निकलने वाला रेशा सामने आया। बावजूद इसके टीम ने दाल का सेम्पल जांच के लिए भेजा है।

दबी जुबान उजागर हो रहा षड्यंत्र
जिला अस्पताल में इल्ली निकलने के बाद दबी जुबान षड्यंत्र की बातें कही जाने लगी। बताया जा रहा था कि डॉक्टर महेश मरमट उक्त मरीज का उपचार कर रहे थे जिसने दाल में इल्ली होने का आरोप लगाया था। उस मरीज की अस्पताल से एक दिन पूर्व छुट्टी होने की बात भी कही जा रही है। लेकिन वह रविवार तक अस्पताल के हड्डी वार्ड में ही था। आरोप लगाने के बाद गायब हो गया। दबी जुबान यह बात भी सामने आई कि डॉ. मरमट को कुछ समय पहले ही सिविल सर्जन के पद से हटाया गया है। जिसके चलते वह नवागत सिविल सर्जन को बदनाम करने के लिए इस तरह की बातें कह रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में कभी भोजनशाला नहीं देखी और किसी भी मरीज से खाने के संबंध में जानकारी नहीं ली। जिस मरीज का वह उपचार कर रहे थे उसी मरीज के द्वारा आरोप लगाया गया। वार्ड में भर्ती अन्य किसी मरीज ने खाना खराब होने की बात नहीं कही।