माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
सेंट्रल जीएसटी, उज्जैन ने 2 करोड़ 70 लाख रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) घोटाले का पर्दाफाश किया है। जांच अधिकारियों के अनुसार बिना जीएसटी चुकाए सिर्फ बिल जारी कर आइटीसी ले लिया गया। इसी तरह शाजापुर की तीन फर्मों ने भी धांधली कर बिना माल सप्लाय कर बिल जारी किए और टैक्स चोरी की। मामले में कुछ और फर्म जांच के दायरे में है, पड़ताल के बाद घोटाले की राशि बढ़ सकती है। फिलहाल गड़बड़ी करने वाली फर्मों से 90 लाख रुपये जमा करवाए गए हैं।
जीएसटी विभाग के निरीक्षक नागेंद्र प्रताप सिकरवार ने बताया कि कर सलाहकार पर निर्माता और व्यापारियों को सही कर निर्धारण व उचित मार्गदर्शन देने का जिम्मा होता है, लेकिन उज्जैन के एक कर सलाहकार दीपेश बोहरा द्वारा नैमिष इंटरप्राइजेस के संचालक नैमिष शर्मा के साथ मिलकर विभाग को 2.70 करोड़ रुपये की चपत लगाई है। प्रकरण की जांच में पता चला कि नैमिष इंटरप्राइजेस के जीएसटी नंबर में प्रयुक्त मोबाइल नंबर और फर्म के बैंक खाते का संचालन भी दीपेश कर रहा था। दीपेश बोहरा के फ्रीगंज में बने कार्यालय तथा भागसीपुरा स्थित निवास पर सर्चिंग की थी। जिसमें नैमिष इंटरप्राइजेस के नैमिष शर्मा की हस्ताक्षर की हुई बिल व चेक बुक मिली है। नैमिष इंटरप्राइजेस द्वारा जारी बिलोंपर जिन फर्मों ने आइटीसी लिया है, उन फर्मों द्वारा लिए गए आइटीसी की भी जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद घोटाले की रकम बढ़ सकती है। निरीक्षक सिकरवार के अनुसार शाजापुर की तीन फर्मों श्रीनाथ ट्रेडर्स, धनराज ट्रेडर्स व सोनी ट्रेडर्स द्वारा भी इस तरह की गड़बड़ी की जाना पाया गया है। तीनों फर्मों ने करीब 1.89 करोड़ रुपये की धांधली की है। तीनों फर्म द्वारा भी बगैर माल की सप्लाय किए बिल जारी किए हैं।