आर्थिक स्थिति को सुधारने में लगे लोगों के दिलों से खत्म हुआ कोरोना का डर
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
कोरोना संक्रमण से लडऩे का सबसे बड़ा हथियार मास्क और सेनिटाइजर अब बीते दिनों की बात नजर आने लगी है। चेहरे से मास्क हटने लगा है वहीं सैनिटाइजर का उपयोग भी नहीं किया जा रहा है। आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए लोगों ने कोरोना के डर से किनारा कर लिया है।
अप्रैल-मई माह में कोरोना की दहशत लोगों के दिलों दिमाग में पूरी तरह से बैठ चुकी थी। संक्रमण से बचने के लिए मास्क सैनिटाइजर के साथ गर्म पानी और काढ़ा पिया जा रहा था। लोग घरों से बाहर निकलने में डर रहे थे। पड़ोसी के संक्रमित होने से कई तरह की बातें की जा रही थी। लॉकडाउन के चलते शहर सन्नाटे की आगोश में दिखाई दे रहा था। जून माह में लॉकडाउन खुलने के साथ अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही लोगों ने अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कोरोना की लड़ाई में सबसे बड़े हथियार मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग करते हुए अपने कामकाज की शुरुआत की थी। लेकिन दिसंबर माह आते आते कोरोना का डर लोगों के दिलों से पूरी तरह निकल चुका था। नव वर्ष के पहले दिन अधिकांश लोग बिना मास्क के दिखाई दिए। सैनिटाइजर का उपयोग भी काफी कम हो चुका है। बाजार पूरी तरह से खुले हुए हैं। लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी छोड़ दिया है दुकानदारों द्वारा कोविड-19 को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है। जबकि लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। जिले के 231 लोग अब भी कोरोना से संक्रमित होकर अपना उपचार अस्पतालों में करा रहे हैं। प्रतिदिन 400 से लेकर 500 लोगों के सैंपल स्वास्थ विभाग द्वारा लिए जा रहे हैं । कोरोना का नया स्टेंड सामने आ चुका है बावजूद लोगों ने गाइडलाइन का पालन करना छोड़ दिया है। हर कोई अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने में भागता दौड़ता दिखाई दे रहा है। प्रशासन की सख्ती पूरी तरह से कम हो चुकी है। अक्टूबर-नवंबर माह तक जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों को अस्थाई जेल का रास्ता दिखा रही थी। लेकिन वर्ष का अंतिम माह दिसंबर होने पर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा अपने लंबित मामलों को पूरा करने के लिए गाइडलाइन का पालन कराने वाले अभियान को पूरी तरह से रोक दिया।
डेढ़ लाख से अधिक की जांच
मार्च माह के अंतिम सप्ताह से लेकर नव वर्ष के पहले दिन तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण के चलते 1 लाख 55 हजार 724 लोगों की जांच करते हुए सैंपल लिए हैं। जिसमें से 4881 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। जिले में स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा 4549 पहुंच चुका है। स्वास्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक जिले में 101 संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। लेकिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत होने की बात सामने आ रही है जिसकी पुष्टि स्वास्थ विभाग द्वारा नहीं की जा रही है। जिस तरह से प्रतिदिन संक्रमित मरीज मिल रहे हैं उससे लग रहा है कि अभी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। अगर कोरोना से लडऩे वाले हथियारों का उपयोग करना बंद कर दिया जाएगा तो जिले में कोरोना की जंग जीतने के लिए कुछ और माह का इंतजार करना पड़ सकता है।