उज्जैन। पूर्व महापौर प्रत्याशी श्री दीपक मेहरे ने अपने मॉँ क्षिप्रा की हालत पर रोष जताया और प्रेस को संबोधित करते हुये बताया कि वर्तमान में उज्जैन शहर के कई वार्डो में स्थिति ठीक नहीं है। मेरे द्वारा समय-समय पर जनहित के मुद्दों को हमेंशा ताकत के साथ उठाया है, और आप लोगों ने देखा भी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव दीपक मेहरे ने जन्मदिन के अवसर पर मीडिया के सामने विभिन्न मुददों को उठाया, उज्जैन शहर को टाटा कम्पनी द्वारा गड्ढो का शहर बना दिया है परंतु सभी जनप्रतिनिधि भाजपा, सांसद, मंत्री, विधायक चुप है। मॉँ क्षिप्रा में खान नदी का दूषित पानी लगातार मिल रहा है फिर भी मौन हैं। उज्जैन नगर पालिका द्वारा सफाई, स्वच्छता के नाम पर जो ठेका दिया है उसमें करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया है लेकिन कोई बोलने वाला नहीं है। पूरे शहर में सौंदर्यीकरण के नाम पर पौधे लगाये जा रहे हैं जिसमें भी भ्रष्टाचार सरेआम दिख रहा है सरकार, मंत्री, विधायक मौन धारण किये है। पूरे भारत देश का किसान सड़कों पर है केन्द्र सरकार, राज्य सरकार चुप है लेकिन उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिये निर्णय लेने में देरी कर रहे हैं क्यों? भारत में बढते हुए अपराध पर सरकार चुप है।
श्री मेहरे ने बताया कि अगर पार्टी ने आगामी चुनाव में मुझ पर विश्वास जताया तो गरीब जनता को उनका अधिकार दिलाउंगा। महापौर को मिलने वाले मानदेय राशि से गरीब परिवारों को भोजन की व्यवस्था करवाऊॅगा। महापौर को मिलने वाली सुख सुविधा से दूर रहकर जनता की सेवा करूंगा। मेरे द्वारा वर्ष २०१० में चुनाव हारने के बाद भी लगातार कांग्रेस पार्टी की रीतिनीति अनुसार सदैव आगे होकर कार्य किया। चुनाव हारने के पश्चात में पहला व्यक्ति हूं जिसने पांच दिन लगातार उज्जैन शहर की जनता आभार यात्रा निकालकर मतदाता का आभार माना।