माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
माघ शुक्ल पक्ष प्रथमा पर शुक्रवार से गुप्त नवरात्र की शुरुआत हो गई। इस अवसर पर देवी मंदिरों में देवी षोडशोपचार पूजन व अन्य अनुष्ठान के साथ घट स्थापना की गई। अब अगले 11 दिनों तक अलग-अलग अनुष्ठान किए जाएंगे।
घट स्थापना के बाद पूजन के कई विधान हैं। इसके अनुसार, गुप्त नवरात्र में सुबह जल्दी उठना चाहिए। मां दुर्गा की पूजा सुबह शाम करने का विधान है। खास यह कि मां दुर्गा की पूजा आधी रात को की जाती है। इस दौरान प्रतिमा को स्थापित कर उन्हें लाल रंग का सिंदूर और चुनरी अर्पित करना चाहिए। इसके बाद मां के चरणों में पूजा की सभी सामग्री अर्पित करें। मां को लाल फूल अर्पित करें। इस दौरान अखंड ज्योत प्रज्वलित करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशति या दुर्गा चालीसा का पाठ भी अवश्य करना चाहिए। साथ ही आरती भी करें। पूजा के दौरान मां दुर्गा को लौंग और बताशे का भोग लगाना श्रेष्ठ है। गुप्त नवरात्र पर षष्ठी तिथि दो दिन पड़ेगी और तिथियों के हेरफेर के चलते इस बार यह नवरात्र नौ की जगह 10 दिनों की होगी। वहीं विसर्जन समेत अन्य अनुष्ठान कुल 11 दिनों तक होंगे। इस दौरान पूजन पुण्याहवाचन, महा अष्टमी पूजन, हवन, पूर्णाहूति होगी। वहीं 21 फरवरी को महानवमी पूजन राजसी श्रृंगार, राजसी नैवेद्य, कन्या भोज, ब्रह्मभोज के साथ नवरात्र विसर्जन किया जाएगा।