श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद होने पर कबूतर-तोते कर रहे आराधना
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल बाबा महाकालेश्वर का दरबार विश्व प्रसिद्ध है। बाबा की लीला भी अपरंपार है। कोरोना संक्रमण के चलते बाबा के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है। बावजूद आराधना का ब्रह्मचारी पिछले कई दिनों से मंदिर परिसर में परिक्रमा करने वाले कबूतर, तोते गर्भ गृह में पहुंच कर बाबा की आराधना कर रहे हैं।
मार्च माह के अंतिम सप्ताह में कोरोना की दस्तक के बाद बाबा महाकाल के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था। सिर्फ पंडित पुजारी पूजा अर्चना के लिए गर्भ गृह में पहुंच रहे है। श्रद्धालुओं को नंदीहाल से ही दर्शन कराए जा रहे हैं। पिछले दिनों गर्भ ग्रह और भस्म आरती में प्रवेश की चर्चाएं भी शुरू हुई थी। लेकिन मंदिर प्रबंध समिति ने महाशिवरात्रि बाद श्रद्धालुओं के प्रवेश की बात कही है। इस बीच महाकाल मंदिर परिसर में सुबह शाम शिखर के आसपास परिक्रमा करने वाले पक्षी अब गर्भ ग्रह में पहुंचकर बाबा की आराधना करने लगे हैं। श्रद्धालुओं के प्रवेश के दौरान कबूतर और तोते नंदीहाल तक नहीं पहुंच पाते थे लेकिन अब गर्भ ग्रह तक उनका प्रवेश होता दिखाई दे रहा है। बीती शाम एक कबूतर आराधना के लिए गर्भ ग्रह में पहुंचा जो काफी देर तक बाबा के आसपास घूमता रहा। उसके बाद वह अपने आप ही चला गया। कुछ दिन पूर्व एक तोता भी बाबा के घर गृह तक पहुंचा था। महाकाल मंदिर परिसर में बने अन्य मंदिरों में हमेशा ही पक्षी पहुंचते हैं लेकिन अब पक्षियों ने गर्भ ग्रह पहुंचना शुरू कर दिया है। बाबा और पक्षियों के बीच की लीला देखकर हर कोई अपनी चर्चा में बाबा की लीला का उल्लेख करने लगा है।