एक साथ निकलीं अंतिम यात्रा, साथ में दी विदाई, नम आंखों से किया विदा
भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक सड़क दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई। स्थानीय पुलिस ने इस घटना की पुष्टि की है। पुलिस ने कहा कि मंगलवार तड़के एक कार इंदौर एक टैंकर में जा घुसी। मृतकों की पहचान ऋषि पवार, सोनू जाट, चंद्रभान रघुवंशी, सूरज, देव और सुमित सिंह यादव के रूप में हुई है। लसूडिय़ा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक नर पाल सिंह ने कहा कि इंदौर के निरंजन चौराहे पर दुर्घटना उस समय हुई जब पीड़ित एक पार्टी में भाग लेने के बाद देवास लौट रहे थे। पुलिस के मुताबिक, पेट्रोल पंप के एक कर्मचारी ने कहा कि उसने एक धमाके जैसी आवाज़ सुनी और जब वह मौके पर पहुंचा, तो उसने कार को खराब हालत में देखा। उन्होंने पुलिस को दुर्घटना के बारे में सूचित किया। साथ ही कहा कि सभी युवक नशे में लग रहे थे। हादसे में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने कहा कि दो लोगों को अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
4 की मौके पर ही मौत, 2 ने अस्पताल में दम तोड़ा
लसूड़िया पुलिस के एसआई नरसिंह पाल ने बताया कि कार बुरी तरह डैमेज हो चुकी थी। इसे गैस कटर से काटकर शवों को बाहर निकालना पड़ा। इसमें कुल छह लोग ही सवार थे। चार की मौके पर ही मौत हो गई। दो दोस्तों की सांसें चल रही थीं, लेकिन एमवाय अस्पताल में उन्होंने भी दम तोड़ दिया।
मां मैं दोस्त की जन्मदिन की पार्टी मनाने जा रहा हूं। मेरे लिए खाना मत बनाना, आने में थोड़ी देरी हो जाएगी। कुछ देर बाद घर के बाहर एक कार आकर रुकी और युवक कार में बैठकर रवाना हो गया। यह शब्द थे सोनू जाट के, जो अब इस दुनिया में नहीं रहा। सोमवार रात 1 बजे तलावली चांदा एबीरोड पर इनकी कार सड़क किनारे खड़े टैंकर में घुस गई थी। हादसे दो चचेरे भाईयों सहित 6 युवकों की मौत हो गई थी। सुबह एंबुलेंस के शायरन के साथ जब अलग-अलग क्षेत्रों में शव पहुंचे तो पूरा इलाका गमगीन हो गया। बससे दुखद नजारा मालवीय नगर और भाग्यश्री नगर का था। मालवीय नगर से एक साथ तीन अर्थियां निकलीं और सजायी मुक्तिधाम पहुंची। वहीं, कुछ देर बाद ऋषि की अंतिम यात्रा भी यहीं पर पहुंची। यहां पर चार दोस्तों की चिताएं एक साथ जलीं। महिलाओं ने छतों पर खड़े होकर इन्हें विदा किया।
ऋषि का भी शव पहुंचा मुक्तिधाम, चारों की साथ में जली चिताएं
छोटू और बैरागी भाइयों के साथ ही ऋषि का भी शव ढाई बजे के करीब सजायी मुक्तिधाम पहुंचा। परिजन और दोस्त यहां रोते-बिलखते शव लेकर पहुंचे थे। यहां पर चारों दोस्तों को एक साथ नम आंखों से विदाई दी गई। वहीं, सुमित के माता-पिता कानपुर से नहीं आ पाने के कारण परिजन उनके आने का इंतजार करते रहे।