उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व नौ दिवसीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस बार शिव नवरात्रि की शुरूआत 3 मार्च से हो रही है। वहीं मंदिर के जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण पहली बार शिवरात्रि के पहले मंदिर के मुख्य शिखर की रंगाई-पूताई भी नही हो सकी है। कुछ जिम्मेदार महाकाल मंदिर की और से यात्रा पर है और कुछ महाकाल के नाम पर कमाई में लगे हुए है। महाकालेश्वर मंदिर में इस बार शिव नवरात्रि 3 मार्च से प्रारंभ हो रही है। प्रतिदिन भगवान का अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगार होगा। वहीं 11 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में अधिकारियों की अनदेखी से मंदिर के मुख्य शिखर की रंगाई-पुताई भी नही हो सकी है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि मंदिर में सबसे बड़े त्यौहार पर मंदिर के जिम्मेदारों ने अनदेखी की है। हालांकि इस मामले में कोई भी कुछ नही कह रहा है। बताया यही जा रहा है कि पूर्व में शिखर पर जिस पेंट से पुताई की गई थी। उसकी चमक करीब पांच सालों तक रहती है। मंदिर के गलियारों में चर्चा है कि मंदिर के जिम्मेदार लोग तो अन्य मंदिरों की व्यवस्था देखने हवाई यात्रा कर रहे है। ऐसे में मंदिर की व्यवस्थाएं भी अभी तक तय नही हो सकी है। कारण है कि दो दिन बाद ही शिव नवरात्रि का पर्व शुरू हो जाएगा ऐसे में कुछ कार्य ऐसे भी है जो मंदिर में पहले ही पूर्ण हो जाने थे।