नियमों को ताक में रखकर दी थी अनुमति, बिल्डर भी फंसा
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
नगर निगम द्वारा नियमों को ताक में रखकर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाने की अनुमति और नक्शा पास करने के मामले में शनिवार को लोकायुक्त ने चार नगर निगम के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। कॉम्प्लेक्स बनाने वाले बिल्डर को भी आरोपी बनाया गया है।
लोकायुक्त एसपी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि 11 जून 2020 को ऋषिनगर में रहने वाली दिव्या सिंह ने शिकायत की थी कि विश्वविद्यालय मार्ग पर स्थित भूखण्ड क्रमांक 40 उसके हक का है। उक्त भूखण्ड के अन्य मालिकों ने पूरी संपत्ति खुद की बताते हुए बिल्डर सुशील जैन को बेच दी है। जबकि मामला न्यायालय में है। न्यायालय ने उसके मालिकाना हक की जमीन किसी को नहीं दी है। इस मामले में लोकायुक्त ने जांच शुरू की जिसमें सामने आया कि नगर निगम के चार अधिकारियों ने बिल्डर के साथ मिलकर नियमों को ताक में रख दिया और आवासीय भूमि पर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाने की अनुमति देकर नक्शा भी पास कर दिया है। जबकि मामला न्यायालय में लंबित है। जिसमें कई जानकारी छुपाई गई है। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि बिल्डर ने टाऊन एण्ड कंट्री से अनुज्ञा भी नहीं ली है। उसके साथ निगम के अपर आयुक्त मनोज पाठक, प्रभारी कार्यपालन यंत्री रामबाबू शर्मा, अरुण जैन और भवन निरीक्षक मीनाक्षी शर्मा भी शामिल हैं। जिसके आधार पर चार निगम अधिकारी और बिल्डर के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम और षड्यंत्र करने का केस दर्ज किया गया है। मामले में निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल पर भी नियम विरूद्ध अनुमति देने का आरोप लगा था लेकिन जांच के दौरान उन पर आरोप की पुष्टि नहीं हुई है।