पिछले वर्ष 26 मार्च से फैलना शुरू हुआ था संक्रमण…
माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
कोरोना संक्रमण का एक वर्ष पूरा होने में दस दिनों का समय शेष है। लेकिन एक बार फिर डर, दहशत का माहौल दिखाई देने लगा है। मरीजों की बढ़ती संख्या से अस्पतालों में पलंगों की संख्या कम पड़ती नजर आने लगी है।
धार्मिक नगरी में कोविड-19 की पहली दस्तक 26 मार्च 2020 को जांसापुरा क्षेत्र से हुई थी। महिला के रूप में राबिया बी पॉजीटिव पाई गई थी जिसकी दूसरे दिन ही मौत हो गई थी। 27 मार्च को अंबर कॉलोनी में संतोष वर्मा पॉजीटिव पाया गया और 28 को उसकी मौत के बाद धार्मिक नगरी पूरी तरह से दहशत में आ गई। लॉकडाउन का साया पूरे शहर में दिखाई दे रहा था। दिन-प्रतिदिन मरीजों की संख्या इस कदर बढ़ी कि लोगों की धड़कनें तेज हो गई थी। अप्रैल, मई के दो माह सड़कों पर सन्नाटे के बीच गुजरे। योद्धा के रूप में पुलिस, स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी तैनात रहे। जून माह में अनलॉक प्रक्रिया शुरू हुई। धीरे-धीरे ऐसा लग रहा था कि कोरोना से धार्मिक नगरी और जिला जंग जीतने की ओर अग्रसर हो गया है लेकिन वर्ष 2021 का मार्च माह आते ही एक बार फिर ऐसा प्रतीत हुआ कि पिछले दिनों की हमारी लापरवाही अब भारी पड़ रही है। पिछले एक सप्ताह में ही कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 200 के लगभग पहुंच चुका है। माधवनगर अस्पताल में मरीजों के चलते पलंगों की संख्या कम पड़ती नजर आ रही है। सोमवार को 27 मरीज कोरोना से संक्रमित पाए गए। रविवार को आंकड़ा 34 मरीजों का था। इस बीच सबसे बड़ी समस्या ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में है। जिस तेजी से मरीज बढ़ रहे हैं उतनी ही धीमी रफ्तार से ठीक होने वालों का क्रम बना हुआ है। प्रशासन ने संक्रमण के बढ़ते असर को देखते हुए सख्त कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। इस बीच चिमनगंज थाना पुलिस ने अपने यहां बेरीकेटिंग कर दी है। शिकायत लेकर आने वाले लोगों को एक-एक कर ही थाने के अंदर प्रवेश दिया जा रहा है। इस थाने के टीआई पिछले वर्ष संक्रमित हो चुके थे।