माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
पुण्य सलिला शिप्रा नदी को स्वच्छ रखने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नदी के कुछ घाटों पर ही स्वच्छता नजर आ रही है। अधिकांश हिस्सों में काई और गंदगी से शिप्रा दूषित बनी हुई है।
शिप्रा नदी देवास से शुरू होकर महिदपुर के बीच तक फैली हुई है। धार्मिक नगरी में पुण्य सलिला का अधिकांश हिस्सा है। जिसमें त्रिवेणी घाट, रामघाट के साथ नृसिंह घाट और भूखीमाता, मंगलनाथ महत्वपूर्ण घाटों में शामिल हैं। इन दिनों मंगलनाथ क्षेत्र से गुजर रही शिप्रा का आंचल काई से लिपटा नजर आ रहा है। नगर निगम और प्रशासन द्वारा सिर्फ त्रिवेणी और रामघाट को ही स्वच्छ रखने का प्रयास किया जा रहा है। शिप्रा का अधिकांश हिस्सा गंदगी और काई से भरा हुआ है। जिसे स्वच्छ कर शिप्रा को प्रवाहमान बनाने के प्रयास करने पर ही शिप्रा स्वच्छ हो सकती है। तीज-त्योहार और धार्मिक स्नान के दौरान ही नर्मदा का पानी शिप्रा में लाया जाता है और कुछ प्रमुख घाटों को स्वच्छ कर दिया जाता है। पूरी शिप्रा को स्वच्छ करने के लिए प्रशासन के साथ आम नागरिकों को आगे आना होगा तभी पुण्य सलिला शिप्रा का महत्व सार्थक हो पाएगा। तीज त्योहारों के बाद प्रमुख घाटों पर भी कई दिनों तक गंदगी फैली नजर आती है।