माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
कुछ माह पूर्व 8 ट्रक मालिकों से अनुबंध कर ट्रकों को कंपनी में अटैच करने और प्रतिमाह किराया देने का झांसा देकर गिरोह ने ट्रकों को ठिकाने लगा दिया था। मामला चिमनगंज थाने पहुंचा तो पुलिस में डेढ़ माह बाद गिरोह के 1 सदस्यों को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस टीम लगी हुई है।
चिमनगंज थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर में रहने वाले भगवान सिंह और उसके कुछ साथियों ने जनवरी माह के अंतिम दिनों में थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि इंदौर का रहने वाला आसिफ मोहम्मद उनके यहां पहुंचा था और उसने प्रतिमाह 50 हजार से 80 हजार तक का किराया देने की बात कहते हुए ट्रकों का अनुबंध कर लिया था। एक माह उसने किराया भी दिया। लॉक डाउन होने और व्यवसाय नहीं चलने पर उन्होंने जी 9 कंपनी में अपने ट्रक अनुबंधित कर दिए थे। एक माह बाद आसिफ गायब हो गया और उसने किराया देना भी बंद कर दिया।
ट्रकों का फाइनेंस कराया गया था जिसके चलते फाइनेंस कर्मी किस्त के लिए उन्हें परेशान करने लगे। आसिफ के साथ एक महिला ने भी खुद को कंपनी से जुड़ा होना बताया था वह ट्रकों का अनुबंध करने के दौरान मौजूद थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की तो पता लगा कि 8 ट्रक मालिकों से अमानत में खयानत की गई है। जिसके बाद पुलिस की एक टीम शातिर बदमाशों की तलाश में जुट गई। इस दौरान सामने आया कि दो ट्रक बिहार पुलिस की जब्ती में है जिनसे अवैध शराब परिवहन किया जा रहा था। इस आधार पर चिमनगंज थाना पुलिस ने अपनी पड़ताल तेज कर दी और राजस्थान के बारा जिले की शिव कॉलोनी से बिट्टू उर्फ दिलशाद पिता इरफान को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए उज्जैन लाया गया जहां उसे न्यायालय में पेश कर 24 मार्च तक रिमांड पर लिया गया है। पुलिस की एक टीम गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में दिलशाद को लेकर राजस्थान पहुंची है। संभवत मामले से जुड़े कुछ और चालबाज शातिर बदमाश पुलिस की गिरफ्त में जल्द होंगे।