4 अर्थियां कोरोना प्रोटोकॉल में आई, इंतजार के बाद हुआ उनका भी अंतिम संस्कार
उज्जैन। कोरोना का भयावह रूप शहर में देखने को मिल रहा है। रात्रि 12 बजे तक लोग कोरोना से मृत हुए अपने दिवंगत परिजनों के शवों को लेकर शहर के दो मोक्षधाम में जा रहे हैं। सुबह 6 बजे से अंत्येष्टी का जो सिलसिला जो शुरू होता है वह कालरात्रि तक चलता है।
सुबह त्रिवेणी स्थित मोक्षधाम में सुबह 6 बजे से शवों के अंतिम संस्कार का सिलसिला चल रहा है। समाचार लिखे जाने तक बिना कोरोना के सामान्य मौत मरने वाले 8 परिवार के लोग अपने दिवंगत परिजनों की अंत्येष्टी करने आए थे। वहीं कोरोना प्रोटोकॉल में भी चार शवों का दाह संस्कार मशीन और लकड़ी-कंडे में किया जा चुका था। वहीं शवयात्रा के आने का सिलसिला अनवरत जारी है।
वहां शवों की लकडिय़ां जमाने वाले प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि लगभग 25 से 30 शव जिनमें कोरोना के भी हैं वे आ रहे हैं और यह सिलसिला थम नहीं रहा है। लकडिय़ों की आपूर्ति समाजसेवी अर्जुनसिंह भदौरिया, भाजपा किसान संघ में रहे महेन्द्रसिंह रघुवंशी द्वारा की जा रही है और वे उज्जैन तहसील के प्रत्येक गांवों में जाकर दो-दो-तीन-तीन ट्रांलिया सूखी लकडिय़ां ला रहे हैं जिनसे शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। त्रिवेणी मोक्षधाम प्रभारी जितेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व सांसद डॉ. चिंतामणि मालवीय ने जबसे दौरा किया है तबसे हालातों में सुधार आया है। कर्मचारियों की संख्या में भी वृद्धि हो गई है। समाजसेवी संस्थाओं का सहयोग भी लगातार मिल रहा है। आज सुबह प्रेस क्लब उज्जैन के अध्यक्ष विशालसिंह हाड़ा के पिता राजेन्द्रसिंह हाड़ा का भी पुष्पा मिशन अस्पताल में दुखद निधन हो गया। उनकी अंत्येष्टी भी इसी मोक्षधाम पर की गई।