राकेश बिकूदिंया की रिपोर्ट सुसनेर से
सुसनेर। आगर मालवा जिले में सुसनेर के समीप पिडावा रोड पर ग्राम धानियाखेडी स्थित एक संतरे के बगीचे में पेड पर लटाकर के मरीजों को बांटले चढाए जाने के मामले का खुलासा बुधवार को माटी की महिमा के द्वारा किये जाने के बाद दोपहर 1 बजे के लगभग प्रशासन का 15 सदस्यीय जांच दल मोके पर पहुंचा। जहां पहले से ही खबर लग जाने पर निजी चिकित्सक मौके से फरार हो गया था। जब टीम उसके घर पर पहुंची तो घर पर ताला लटका हुआ मिला। जांच टीम को खेत मे बड़ी मात्रा में खाली इंजेक्शन व बोतले मिली, साथ ही कुछ इंजेक्शन व सामग्री को जलाकर नष्ट करने की कोशिश भी निजी चिकित्सक द्वारा की गई जो कि अधजली हालत में मिली। मामले की गम्भीरता को देखते हुए प्रशासन द्वारा गंभीरता से जांच की जा रही है। इस सम्बंध में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पुलिस थाने को पत्र भेजे जाने के बाद एफआईआर भी दर्ज की गई है। बुधवार की सुबह जब खुलासा हुआ तो भोपाल से वरीष्ठ अधिकारीयों के फोन आने और स्थानीय तथा जिला प्रशासन से जानकारी मांगे जाने के बाद भी प्रशासन ने निजी चिकित्सक को पर्याप्त समय दिया। जिससे प्रशासन के आने की सुचना पहले ही चिकित्सक तक पहुंच चुकी थी और उसने माेके से कई सबूत नष्ट करने की कोशिश भी की और ये कोशिशे प्रशासन के पहुंचने पर उनके सामने भी आई है। मोके पर ही बडी मात्रा में बाँटलो के खाली कार्टून भी पडे हुएं मिले। साथ ही पेडो पर बांटलो को टांगकर जिन सेलाइन सेटो के जरीए मरीजों के शरीर में पहुंचाया गया था। वे सेट भी पेडो की टहनियों से बंधे हुएं पाए गए। प्रशासन के जांच दल में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर समंदरसिंह मालवीय, सुसनेर एसडीएम के एल यादव, एसडीअोपी एन एस रावत, जिले के वरीष्ठ चिकित्सक राजीव बरसाना, बीएमओं डॉक्टर मनीष कुरील सहित कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
खेत में बांटले चढाने के मामले की जांच की गई है। जांच में समाचार पत्र में छपी खबर को सही पाया गया है। मोके पर से दवाईयां इंजेक्शन व कुछ अन्य सामग्री भी जब्त की गई है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इस मामले में अपनी और से निजी चिकित्सक पर एफआईआर दर्ज कराएगा।
डॉ समंदरसिंह मालवीय
जिला चिकित्सा अधिकारी, आगर।
एफआईआर दर्ज कर ली गई है-
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दिये गए आवेदन के आधार पर खेत में पेडो पर बांटले लटकाकर मरीजों का इलाज करने वाले निजी चिकित्सक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। जांच में यह बात भी सामने आई है की उक्त चिकित्सक पशुओं का इलाज किया करता था। जानवरो का इलाज करते-करते उसने इंसानो का इलाज भी शुरू कर दिया।
एन एस रावत
एसडीओपी, सुसनेर।

