कोयला फाटक पर चेकिंग के दौरान बहस
उज्जैन। कोरोना कर्फ्यू के साथ गाइड लाइन का पालन करा रही पुलिस और डॉक्टर के बीच आज सुबह तीखी बहस बाजी हो गई। डॉक्टर ने पुलिस को अपना रोब दिखाते हुए धमकाया कि वह उज्जैन के किसी भी मरीज को अरविंदो अस्पताल में भर्ती नहीं नहीं होने देगा।
पुलिस ने कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए सख्त चेकिंग अभियान शुक्रवार से शुरू किया है। कोरोना कर्फ्यू और गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई के साथ अस्थाई जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। आज सुबह कोयला फाटक आगर रोड पर कोतवाली टीआई शंकर सिंह चौहान अपनी टीम और निगम कर्मचारियों के साथ मिलकर गाइडलाइन का पालन करा रहे थे। उसी दौरान कार में सवार बिना माक्स लगाए दो लोगों को रोका गया। कार पर डॉक्टर का पर्चा चस्पा था और इमरजेंसी ड्यूटी लिखा हुआ था। पुलिस ने कार सवार डॉक्टर साकेत जाट से मास्क नहीं लगाने का कारण पूछा तो उसने लगाने से साफ इनकार कर दिया। कार में डॉक्टर के साथ एक पंडित भी सवार था। पुलिस ने गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर जुर्माना भरने को कहा। डॉक्टर ने बहस बाजी शुरू कर दी। डॉक्टर यह बात की जानकारी भी पुलिस को नहीं दे पाया कि वह किस इमरजेंसी काम से जा रहा है। वह खुद को इंदौर अरविंदो हॉस्पिटल का डॉक्टर होना बता रहा था।

टीआई चौहान ने डॉक्टर को काफी समझाया तब वह जुर्माना भरने को तैयार हो गया। उसने 2000 का फटा हुआ नोट दिया। जुर्माने की रसीद काट रहे कर्मचारी ने नोट बदलने की बात कही तो डॉक्टर ने 500 का नोट निकाला और उसके दो टुकड़े कर दिए। डॉक्टर का गुस्सा देख टीआई ने भारतीय मुद्रा का अपमान करने की बात कही तो डॉक्टर ने दूसरा नोट निकालकर 200 रुपए जुर्माना भरा और धमकी देने लगा कि अरविंदो अस्पताल में उज्जैन के किसी भी व्यक्ति को अब भर्ती नहीं होने दूंगा। पुलिस ने उसे समझा कर मौके से रवाना कर दिया।