माटी की महिमा न्यूज /उज्जैन
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदन्त संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस साल एकदन्त संकष्टी चतुर्थी 29 मई को है। इस दिन भक्त सुख, शांति और समृद्धि के लिए भगवान गणेश की पूजा करते हैं। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से बिगड़े काम बन जाते हैं। भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य होने का दर्जा प्राप्त है। इसी वजह से उनकी पूजा सबसे पहले की जाती है। आमजन अपने-अपने घरों में भगवान गणेशजी का पूजन-अर्चन कर एकदन्त संकष्टी चतुर्थी मनाऐगें।
एकदन्त संकष्टी चतुर्थी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। शुभ योगों के बनने के कारण संकष्टी चतुर्थी का महत्व बढ़ रहा है। इस दिन शुभ और शुक्ल योग बन रहे हैं। इन योग में किए गए कार्य हमेशा सफल रहते हैं। 30 मई की सुबह 4 बजकर 3 मिनट तक चतुर्थी तिथि रहेगी।
इसके बाद पंचमी तिथि शुरू हो जाएगी। धार्मिक ग्रंथों और पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश को मोदक बहुत पसंद हैं। एकदन्त संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें दूर्वा अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करने से प्रभु जल्दी प्रसन्न होते हैं।